
देहरादून: दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय (दून अस्पताल) में हड्डी रोग विभाग में दलालों का राज है। तमाम सख्ती के बावजूद कुछ चिकित्सक ‘कमाई’ छोड़ने के मूड में नहीं हैं। स्थिति यह है कि अटल आयुष्मान योजना के तहत भी मरीजों को कुछ चुनिंदा जगह से इंप्लांट लाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
ऐसा नहीं करने पर मरीज को अन्यत्र रेफर कर दिया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में उप चिकित्सा अधीक्षक डा. एनएस खत्री ने हड्डी रोग के विभागाध्यक्ष से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।
इसी मामले में सुराज सेवा दल के कार्यकर्त्ताओं ने सोमवार को अस्पताल में प्रदर्शन किया। उन्होंने उप चिकित्सा अधीक्षक को ज्ञापन देकर व्यवस्था में सुधार की मांग की है। दल के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महानगर महासचिव मेहरबान अली ने बताया कि उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था।
यह एक मेडिकोलीगल केस था। इमरजेंसी में दिखाने पर उनका एक्सरे किया गया, लेकिन यह कहकर रिपोर्ट नहीं दी गई कि रेडियोलाजिस्ट नहीं है। अटल आयुष्मान के तहत उन्हें हड्डी रोग विभाग में भर्ती किया गया।
चिकित्सकों ने इंप्लांट डालने की बात कही। आरोप है कि इंप्लांट बाहर से लाने को कहा गया, जिसके लिए एकाएक कई लोग उसे संपर्क करने लगे। इन दलालों को तवज्जो नहीं देने पर चिकित्सकों ने यह कहकर उन्हें रेफर कर दिया कि उनका आपरेशन यहां नहीं होगा। बाद में उन्होंने कोरोनेशन अस्पताल में आपरेशन कराया।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत भी मरीजों को निश्शुल्क इलाज नहीं मिल रहा है। मरीजों से बाहर से दवा मंगाई जा रही है। हड्डी के आपरेशन के दौरान जो इंप्लांट प्रयोग होते हैं, उन्हें बाहर से खरीदने को कहा जा रहा है। प्रदर्शन में राजेंद्र पंत, मोहिनी, मनिका, प्रकाश, अंजू, सुनीता, संजय आदि कार्यकर्त्ता शामिल रहे।