Uttarakhand

उत्‍तराखंड में स्‍वाइन फीवर का प्रकोप, सूअरों की लगातार मौत से हड़कंप

देहरादून : Swine Fever : उत्‍तराखंड के डोईवाला, ऋषिकेश, पौड़ी और कोटद्वार में सूअरों की लगातार मौत हो रही है। कई जगहों से मृत सूअरों के शव खुले में फेंकने की बात सामने आ रही हैं। उत्‍तराखंड के साथ ही यह बीमारी असम, मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा, नगालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्सों में सामने आई है।

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन इस बीमारी को लेकर गंभीर है। सभी देशों को जागरूक और गंभीर रहने की हिदायत दी गई है। निदेशक पशुपालन विभाग उत्तराखंड डा. प्रेम कुमार ने बताया कि इस बीमारी का टीका अभी तक भारत में नहीं बना है। राहत की बात यह है कि मनुष्यों में इस संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। गाइडलाइन के मुताबिक, मृत पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से गड्ढे में दफनाना और ऊपर नमक या अन्य केमिकल डालना चाहिए।

स्वाइन फीवर से कैसे बचें

  • बीमार पशुओं को क्वारंटाइन करके ही अन्य सूअरों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है
  • प्रत्यक्ष के तौर पर यह बीमारी मनुष्य में संक्रमण नहीं फैलाती
  • सूअर के मांस के सेवन से बचना चाहिए

स्वाइन फीवर के प्रमुख लक्षण

  • बीमार सूअर की त्वचा पर धब्बे पड़ने शुरू हो जाते हैं।
  • सूअर का वजन तेजी के साथ घटने लगता है।
  • सूअर के शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है।
  • बीमार सूअर के संपर्क में आने पर स्वस्थ सूअर भी बीमार हो जाता है।
  • बीमार सूअर के छोड़े गए भोजन का सेवन करने से भी यह संक्रमण फैलता है।

स्वाइन फ्लू और स्वाइन फीवर में अंतर

  • विशेषज्ञों का कहना है कि अफ्रीकी स्वाइन फ्लू और अफ्रीकन स्वाइन फीवर में काफी अंतर है
  • अफ्रीकन स्वाइन फीवर संक्रामक वायरल बीमारी है
  • जंगली और घरेलू दोनों सूअरों को प्रभावित करती है
  • स्‍वस्‍थ सूअरों में यह बीमारी दूषित ट्रकों, कपड़ों और भोजन के संपर्क में आने से फैलती है
  • इसका इलाज संभव नहीं
  • मानव स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं

Leave a Response

etvuttarakhand
Get the latest news and 24/7 coverage of Uttarakhand news with ETV Uttarakhand - Web News Portal in English News. Stay informed about breaking news, local news, and in-depth coverage of the issues that matter to you.