
जनसंख्य नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कोर्ट इस मामले में जितनी भी लंबित याचिकाएं हैं उन सभी पर सुनवाई करेगी. बता दें कि मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर फिरोज बख्त अहमद ने याचिका दायर की है. फिरोज बख्त की याचिका में जनसंख्या नियंत्रण के लिए दिशा निर्देश बनाने की मांग की गई है. बता दें कि यह मामला देश में काफी तूल पकड़ रहा है. इस पर कई नेताओं और अन्य सामाजिक संस्थाओं ने अलग-अलग राय रखी है.
वहीं देश में जनसंख्या मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, एजुकेशन और सोशल अवेयरनेस की वजह से भारत की जनसंख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. उन्होंने एक इवेंट में बोलते हुए बताया कि भारत की जनसंख्या दर में गिरावट आ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि हर परिवार का आकार समय के साथ-साथ छोटा होता जा रहा है.
केंद्र को जारी हुआ है नोटिस
बता दें कि इस मामले में पहले भी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जा चुकी हैं. इससे पहले भी स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती ने याचिका दाखिल कर जनसंख्या पर कानून बनाने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. जितेंद्रनंद ने यह याचिका 13 अप्रैल को दायर की थी, इसमें कहा गया है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कानून लाया जाना चाहिए. इसमें उन्होंने कारण भी दिया है कि भारत की आधी परेशानियों की वजह लगातार बढ़ रही जनसंख्या है.
मूल अधिकारों कि सुरक्षा के लिए जरूरी
इनके अलावा प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी 15 जून को एक याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने मांग की थी कि सरकार को कठोर जनसंख्या कानून बनाने के लिए निर्देश दिए जाने चाहिए. जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 में आने वाले मूल अधिकारों की सुरक्षा के लिए जनसंख्या पर कठोर कानून बनाना जरूरी है.