
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया, जिसमें गिरफ्तारी से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को बरकरार रखा गया था। एससी का कहना है कि ED मामले की सूचना रिपोर्ट (इसीआइआर) प्रदान नहीं करने सहित प्रथम दृष्टया दो मुद्दों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
बता दें कि कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अहम सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एनवी रमणा ने कहा कि इस मामले में हम महसूस कर रहे हैं कि कुछ मुद्दों को फिर से देखने की जरूरत है। हम काले धन या मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के पूरी तरह से समर्थन में हैं।
आमतौर पर समीक्षा याचिका पर सुनवाई चैंबर में होती है और वही बेंच उसे सुनती है, जिसने मूल फैसला दिया है, लेकिन इस मामले में शीर्ष अदालत ने ओपन कोर्ट में सुनवाई का फैसला किया है। यह समीक्षा याचिका कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने दायर किया है। शीर्ष अदालत ने अपने मूल फैसले में पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की व्यापक शक्तियों को संवैधानिक करार दिया था।
कोर्ट पीएमएलए कानून के बारे में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग पर विस्तृत सुनवाई का मन बना रहा है। बता दें कि बुधवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एनवी रमणा, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कार्ति चिदंबरम के मामले में खुली अदालत में सुनवाई करने और मौखिक दलीलें रखने की इजाजत मांगने वाली याचिका स्वीकार कर ली।