
प्रदेश के अस्पतालों में सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं (Uttarakhand health facility) देने के दावे कर रही है. लेकिन हकीकत कुछ और है. हालत ये है कि इन अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त दवाएं तक नहीं हैं. मरीजों को अस्पताल के बाहर से दवा लेनी पड़ती हैं. सरकारी अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ और संसाधन के साथ ही दवाइयों (shortage of medicines in hospital) का घोर अभाव है. अस्पतालों में दवा की कमी के कारण लोगों को महंगी दवा खरीदने के लिए विवश होना पड़ता है.
सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह समय से दवाइयों की आपूर्ति ना होना है. दरअसल, दवा की आपूर्ति करने वाली कंपनियों का समय से भुगतान ना होने के चलते कई बार कंपनियां दवाइयों की आपूर्ति पर ब्रेक लगा देती हैं. इसका सीधा असर सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में दवाइयों की कमी के रूप में दिखाई देता है.