
रोहतक : रोहतक के जींद बाईपास स्थित होटल संचालक को अवैध हिरासत में रखने के मामले में नया मोड़ आ गया। पुलिसकर्मियों की गृहमंत्री को शिकायत करने वाले व्यक्ति के साथी को 10 लाख रुपये लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि अवैध हिरासत की झूठी शिकायत के नाम पर शिकायतकर्ता ने गोकर्ण चौकी प्रभारी से समझौते के नाम पर 25 लाख रुपये मांगे, जिसके बाद 15 लाख में सौदा तय हो गया।
यूं समझे मामला
गोकर्ण चौकी प्रभारी एएसआइ पवनवीर की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई है। इसमें बताया कि दो फरवरी को जींद बाईपास स्थित जुगनू होटल में एक युवती की मौत हो गई थी। जिसके पास से हेरोइन भी बरामद हुई थी। मामले की गहनता से जांच के लिए होटल को किराये पर चलाने वाले नरेश को पूछताछ के लिए चौकी पर बुलाया गया, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। होटल को नरेश व उसका पार्टनर मनोज चला रहे थे। मनोज का रिश्तेदार संदीप होटल में स्वीपर की नौकरी करता है, जो होटल में आने वालों को नशीले पदार्थ की सप्लाई करता था। संदीप को पकड़वाने के लिए नरेश पर दबाव दिया जा रहा था। इसलिए उसे चौकी में बुलाते थे। होटल का असल मालिक सुखबीर है। सुखबीर अपने एक साथी के साथ पांच फरवरी को चौकी में आया और पुलिस पर दबाव बनाने के लिए स्पाई कैम साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर नरेश की एक वीडियो बना ली। इसके बाद सुखबीर ने पुलिस पर आरोप लगाया कि नरेश को अवैध हिरासत में रखा जा रहा है। साथ ही इसकी शिकायत गृहमंत्री अनिल विज, एडीजीपी और एसपी को भी कर दी।
इस तरह शुरू हुई सांठगांठ की कहानी
पुलिस के अनुसार, सात फरवरी को दोपहर के समय विनय नाम के व्यक्ति का फोन आया। जिसने कहा कि सुखबीर के संबंध में बात करनी है। विनय को चौकी में बुलाया गया। इसके बाद विनय ने एक पैन ड्राइव लाकर दी। इसमें आपकी वीडियो रिकार्ड है, जिसमें नरेश को अवैध हिरासत की बाते हैं। विनय ने कहा कि सुखबीर से मीटिंग कर लो, नहीं तो वह नौकरी खा जाएगा। शाम पांच बजे चौकी इंचार्ज कई अन्य लोगों के साथ तिलियार झील पर पहुंचा, जहां सुखबीर नहीं मिला। वहां पर भी विनय ने कहा कि सुखबीर तुम्हारी नौकरी खा जाएगा। अगर नौकरी बचानी है तो 25 लाख रुपये का इंतजाम कर लो।
15 लाख में तय हुआ सौदा
दोनों के बीच 15 लाख रुपये में बात फाइनल हो गई। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे चाैकी प्रभारी के पास फोन आया और उसे रुपये लेकर दिल्ली बाईपास पर बुलाया। वहां पर विनय ने बताया कि सुखबीर इंतजार करके चला गया है। विनय ने उससे फोन पर बात कराई। सुखबीर ने कहा कि शाम तक रुपयों का बंदोबस्त कर विनय से संपर्क कर लेना। इसके बाद देर शाम ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार जगदीश चंद्र की मौजूदगी में विनय को 10 लाख रुपये लेते समय रंगेहाथ पकड़ लिया गया।
शिकायत करने पर झूठा फंसा रही है पुलिस : आरोपित सुखबीर
इस प्रकरण के बाद सुखबीर की तरफ से गृहमंत्री को दोबारा एक शिकायत भेजी गई है। इसमें बताया कि वह कृषि विभाग में एडीओ पद से रिटायर है। उसे जान-बूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। विनय नाम के जिस युवक को पुलिस ने पकड़ा है वह तो जानता भी नहीं। जिस दिन उसने पुलिसकर्मियों की शिकायत की, उसके बाद ही विनय नाम के युवक का खुद फोन आया था, जो पुलिसकर्मियों का ही साथी है। पुलिसकर्मी उसे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।