
नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में मुरुग मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारु को सोमवार को चित्रदुर्ग की जिला अदालत में पेश किया गया. उनकी पुलिस हिरासत आज समाप्त हो रही थी. ऐसे में कोर्ट ने सुनवाई दौरान उन्हें 14 सिंतबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस की ओर से उनकी हिरासत की समयसीमा बढ़ाने की मांग की गई थी. वहीं दूसरी ओर इस मामले की जांच सीबीआई से भी कराने की मांग की गई है. ये मांग एनजीओ ने की है.
महंत शिवमूर्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाने में सहायता करने वाले मैसूरु स्थित गैर सरकारी संगठन ने रविवार को कहा था कि इस मामले में प्रशासन के कुछ लोग आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए महंत के खिलाफ सीबीआई या अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए. ओडनाडी नामक एनजीओर के निदेशक स्टेनली के वर्गीज ने कहा था कि शिवमूर्ति मुरुग शरणारु के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है, क्योंकि मठ के छात्रावास से कई लड़कियों के लापता होने की खबरें मीडिया में आ रही हैं.
लापता लड़कियों का भी मामला उठाया
वर्गीज ने कहा कि एक अंधे व्यक्ति की पोती के लापता होने की भी खबरें हैं. उन्होंने कहा था, ‘पीड़िताओं ने अपने बयान में तीन और लापता लड़कियों का जिक्र किया है. उनके बयान से यह स्पष्ट हो गया है. मैं अकारण ही यह नहीं कह रहा हूं. बहुत सारी लड़कियां हैं, लेकिन उन्होंने (पीड़िताओं) कहा है कि कम से कम तीन लड़कियां वहां हैं. उनके नाम (शिकायत में) लिखे हैं.’ वर्गीज ने कहा, ‘कुछ मौतें रहस्यमय ढंग से हुई हैं, कुछ लड़कियां लापता हैं, कुछ लड़कियों की बलात्कार के बाद शादी हो गई और कुछ लड़कियों को बलात्कार के बदले मुआवजा दिया गया.’