
सल्ट (अल्मोड़ा) : भले ही आज आजादी का अमृत महोत्सव मन रहा हो, विकास की हम नई उचाइयां छू रहे हों, लेकिन आधुनिक भारत में भी कुछ जगहें, कुछ समाज ऐसे हैं जो भेदभाव और रूढ़ियों में जकड़े हुए हैं। विचारों से प्रगतिशील नहीं हो सके। कुछ ऐसा ही देखने को मिला है अल्मोड़ा जिले के सल्ट में।
जिले के सल्ट तहसील में जातीय भेदभाव का ऐसा ही एक शर्मनाक मामला सामने आया है। जिसमें गांव के ही कुछ उच्च जाति के लोगों पर अनुसूचित जाति के दूल्हे को बारात के दौरान घोड़े से उतारने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगे हैं। दूल्हे के पिता ने इस मामले की शिकायत अल्मोड़ा डीएम, एससी-एसटी आयोग, राज्यपाल से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक की है।
जिले के सल्ट तहसील के ग्राम थला तड़ियाल( मौडोली) निवासी दर्शन लाल का कहना है कि उनके बेटे विक्रम कुमार का दो मई को विवाह था। उनका आरोप है कि बरात प्रस्थान के वक्त लगभग साढ़े चार बजे थला तड़ियाल गांव के मजबाखली तोक के सवर्ण जाति की कुछ महिलाओं और कुछ पुरुषों ने दूल्हे को अनुसूचित जाति का होने के कारण घोड़े से जबरन उतारने और बारात रोके जाने की कोशिश की गई।
यही नहीं उनका आरोप है कि जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर यह धमकी दी गयी कि अगर बरात नहीं रोकी गयी तो, बरातियों के लिए अच्छा नहीं होगा। दर्शन लाल ने इस मामले में सल्ट एसडीएम, अल्मोड़ा डीएम, एससी-एसटी आयोग, उत्तराखंड राज्यपाल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक शिकायती पत्र भेजकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। आरोप है कि बारात रोकने के वक्त वहाँ मौजूद अधिकांश महिलाओं ने यह कहा कि अभी उनकी किस्मत अच्छी है, क्योंकि उनके अधिकतर पुरुष वर्ग अभी घर पर नहीं हैं, अन्यथा मामला बेहद गंभीर हो जाता।
इधर इस मामले में सल्ट तहसील के प्रभारी नायब तहसीलदार दीवान गिरी गोस्वामी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। एसडीएम के निर्देश पर राजस्व उपनिरीक्षक सुभाष व कानूनगो चतर सिंह को जांच के लिए तुरंत गांव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि आज वह खुद मौके पर जाकर जांच करेंगे। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधान विजय ध्यानी ने बताया कि इस स्थान से कोई घोड़े पर नही जाता है। किसी ने किसी को नहीं रोका है। मामले को तूल देने की कोशिश की जा रही है।