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हल्द्वानी के सौरभ जोशी अपने यूट्यूब चैनल से हर महीने कमाते है 40 लाख रूपये

हल्द्वानी :  कुछ साल पहले जो पिता दूसरों के घरों मेें पेंट कर किसी तरह गुजर-बसर करते थे, बेटे ने अब उस परिवार की तस्वीर बदलकर रख दी है। कभी दिहाड़ी के तौर पर दो-चार सौ रुपये मिलते थे। आज बेटे के हुनर के चलते हर महीने खाते में 40 लाख तक आते हैं। यह कहानी है हल्द्वानी के महज 23 साल के सौरभ जोशी की।

मूल रूप से टोटाशिलिंग, कौसानी (अल्मोड़ा) व हाल हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित ओलीविया कालोनी निवासी सौरभ न केवल उत्तराखंड, बल्कि देश के व्लाग‍िंग यूट्यूबर में बड़ा नाम बन चुके हैं। यूट्यूब पर उनके व्लाग के 14.4 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। वीडियो अपलोड होते ही उनके लाखों व्यूज आ जाते हैं। वह 934 वीडियो अब तक अपने पेज पर अपलोड कर चुके हैं।

सौरभ के पिता हरीश जोशी बताते हैं कि 22 साल वह हरियाणा में रहे। आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। उन्होंने परिवार पालने के लिए कारपेंटरी शुरू की। लोगों के घरों में जाकर पेंट, पुट्टी व पीओपी करते थे। पूरे दिन काम करने पर मात्र दो-चार सौ रुपये मिला करते थे। इन रुपयों से परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थी। बेटे ने यूट्यूब में व्लाग बनाकर उनकी ज‍िंंदगी ही बदल दी। आज वह जो कुछ हैं बेटे की वजह से हैं।

ऐसे बदली सौरभ व परिवार की ज‍िंंदगी

सौरभ ने 12वीं में पढऩे के दौरान यूट्यूब पर आर्ट चैनल बना लिया था। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में लाकडाउन लग गया। तभी उन्होंने अपने नाम से एक व्लाग बना लिया और सबसे पहले टीम इंडिया के मशहूर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धाेनी का वीडियो अपलोड कर दिया। वीडियो अपलोड होते ही मानो धोनी के चहेतों की बाढ़ आ गई हो। व्लाग को हजारों लाइक मिले। इसके बाद विराट कोहली और फिर तमाम वीडियो अपलोड हुए। हरियाणा में रहते सौरभ के छह मिलियन सब्सक्राइबर थे। अब उनके सब्सक्राइबर 14.4 मिलियन हैं। यूट्यूब उन्हें व्यूज के हिसाब से रुपये देता है।

पहाड़ी व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंचाया

सौरभ जोशी अपने व्लाग से पहाड़ी व्यंजनों और यहां की नैसर्गिक सुंदरता को व्लाग के जरिये अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंचा रहे हैं। भट्ट की चुरकाणी, डुबके को दिखाने के साथ वह यह भी बताते हैं कि कैसे चूल्हे पर खाना बनाया जाता है।

थार, फार्चूनर, इनोवा कार से घूमने का शौक

सौरभ जोशी के पास फार्चूनर, इनोवा व धार हैं। इन वाहनों से घूमने का उन्हें बड़ा शौक है। अपने भाई साहिल, चचेरे भाई पीयूष व कुनाली के साथ मिलकर वह व्लाग बनाते है। सौरभ ग्वालियर से बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीएफए) कोर्स कर रहे हैं।

पिता ने देखे कैसे-कैसे दिन

हरीश बताते हैं कि उनके दो बेटे सौरभ व साहिल हैं। दोनों बच्चों की प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा हिसार हरियाणा में हुई। वह हरियाणा में नौकरी की तलाश में गए थे। नौकरी नहीं मिली तो कारपेंटर का काम शुरू कर दिया। घर का राशन, छत का पंखा, कपड़े, बिस्तर सबकुछ वहां के लोगों ने उन्हें दिया। जुलाई 2021 में बेटे ने हल्द्वानी में फ्लैट लिया और वह यहां आ गए।

दिल्ली, गोवा, छतीसगढ़ से मिलने आ रहे बच्चे

सौरभ के दीवाने अधिकांश 12 से 20 साल के बच्चे हैं। उनके व्लाग को उत्तराखंड के अलावा देश दुनिया में पसंद किया जा रहा है। दिल्ली, गोवा व छत्तीसगढ़ से बच्चे अपने माता-पिता के साथ सौरभ से मिलने आते हैं।

अभिनेत्री भारती सिंह ने भेजा आमंत्रण, मिलने आए आशीष विद्यार्थी

सौरभ जोशी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। कामेडियन व अभिनेत्री भारती सिंह ने सौरभ जोशी को आमंत्रण पत्र भेजा है। फिल्म अभिनेता आशीष विद्यार्थी सौरभ से मिलने उनके आवास पहुंचे।

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