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मध्य प्रदेश में 700 करोड़ रुपये के GST घोटाले का हुआ पर्दाफाश

मध्य प्रदेश में 700 करोड़ रुपये का एक गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) घोटाला सामने आया है। राज्य पुलिस ने इस संबंध में गुजरात के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।आरोपी फर्जी दस्तावेजों, पतों और पहचानों के जरिए 500 नकली कंपनियों का नेटवर्क बनाकर फेक GST इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) रैकेट चला रहे थे।अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने नकली कंपनियों के फर्जी इनवॉइस जनरेट करके 700 करोड़ रुपये से अधिक का ITC बचाया।

केंद्रीय GST आयुक्तालय ने पुलिस के साथ किया रैकेट का पर्दाफाश

इंदौर स्थित केंद्रीय GST आयुक्तालय ने पुलिस के साथ इस रैकेट का पर्दाफाश किया है।उनकी जांच में सामने आया कि आरोपी विभिन्न मोबाइल नंबरों से जुड़े वॉलेट्स के जरिए पैसे का लेनदेन करते थे और किसी भी पारंपरिक बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करने से बचते थे।अपने घोटाले के लिए वह कुछ बड़ी कंपनियों के नाम का भी इस्तेमाल कर रहे थे।GST आयुक्तालय ने इंदौर पुलिस की साइबर सेल को पत्र लिखकर इस घोटाले की जानकारी दी थी।

25 मई को सूरत से गिरफ्तार किए गए आरोपी, सभी स्कूल ड्रॉपआउट

सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद GST आयुक्तालय और इंदौर पुलिस की साइबर सेल ने एक संयुक्त अभियान चलाया और 25 मई को पांच आरोपियों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया।साइबर सेल के इंस्पेक्टर राशिद खान के अनुसार, सभी आरोपियों की उम्र 25 से 35 साल के बीच है और वे स्कूल ड्रॉपआउट हैं।अभी मुख्य आरोपी और उसके करीबी सहयोगी से GST आयुक्तालय पूछताछ कर रहा है, वहीं तीन आरोपियों से साइबर सेल पूछताछ कर रही है।

छापे में मिले कई अहम दस्तावेज, शुरूआत में थी 100 करोड़ के घोटाले की आशंका

खान के अनुसार, दबिश के दौरान पुलिस को आरोपियों के फ्लैट से 500 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के दस्तावेज, बड़ी संख्या में लोगों के आधार कार्ड का डाटा, फर्जी पतों के दस्तावेज और 300 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के सील लेटर मिले। इसके अलावा कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं।दोनों एजेंसियों को लगभग 100 करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका थी, लेकिन छापे के बाद यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

GST देशभर में सेवाओं और सामानों पर लगने वाला अप्रत्यक्ष टैक्स है। कई तरह के अप्रत्यक्ष टैक्स और इनसे पैदा होने वाले कंफ्यूजन को खत्म करते हुए 1 जुलाई, 2017 को GST को लागू किया गया था। इसका मकसद अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम को सरल करना है।GST में केवल चार टैक्स दरें होती हैं। इनमें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत शामिल हैं। मार्च में GST कलेक्शन रिकॉर्ड 1.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था।

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