

कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा की करेंसी चेस्ट में रखे 42 लाख रुपये सीलन से गल गए। बैंक के अधिकारियों ने किसी को मामले की भनक नहीं लगने दी, लेकिन जुलाई के अंत में आरबीआई ने जब करेंसी चेस्ट का ऑडिट किया, तो मामला खुल गया।
ऑडिट में यह रकम इतनी बड़ी नहीं थी। बाद में गिनती कराई गई तो 42 लाख रुपये की करेंसी नोट के सीलन में गलने का खुलासा हुआ। इस मामले में वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट देवी शंकर सहित चार अफसरों को सस्पेंड किया गया है। इनमें से तीन अफसर हाल में तबादला होकर यहां आए थे।
आरबीआई के अफसरों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक शाखा की करेंसी चेस्ट का निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने 14,74,500 रुपये कम होने तथा अधिकतम और न्यूनतम रकम में 10 लाख का अंतर होने की रिपोर्ट दी थी। साथ ही 10 रुपये के 79 बंडल और 20 रुपये के 49 बंडल खराब होने की जानकारी दी थी।
सूत्रों के अनुसार, इसके बाद हफ्तों नोटों की गिनती कराई गई। इसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट गल गए हैं। मामले में देवी शंकर, वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है। वे तबादला होकर 25 जुलाई को ही आए थे जबकि चेस्ट में रुपये के गलने की घटना इसके पहले की है।

सूत्रों के अनुसार इसके अलावा तीन अन्य अफसर भी सस्पेंड किए गए। इनमें से भी दो ने इसी साल जून और जुलाई में बैंक में चार्ज संभाला था। इनमें छह जून 2022 को रिपोर्ट करने वाले प्रबंधक करेंसी चेस्ट आशा राम और जून 2022 में करेंसी चेस्ट जवाहर नगर, उन्नाव से स्थानांतरित होकर आए वरिष्ठ प्रबंधक भास्कर कुमार शामिल हैं।
राकेश कुमार, अधिकारी करेंसी चेस्ट ने ही 16 जुलाई 2020 को यहां आए थे। यह बताना भी जरूरी है कि निलंबन से पहले देवी शंकर का जवाहर नगर उन्नाव, आशा राम को गांधी नगर कानपुर, राकेश कुमार को शाखा पौथिया और भास्कर कुमार भार्गव को उन्नाव स्थानांतरण किया गया था।
सबसे बड़े दोषियों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप
आरोप है कि इसमें उन चारों से 10-10 लाख का पर्सनल लोन लेकर 42 लाख की कमी को पूरा करने को कहा गया था। लेकिन इन अफसरों ने यह कहकर मना कर दिया कि उनकी कोई गलती नहीं। इसके बाद अफसरों का निलंबन कर दिया गया। उन्होंने मामले की आरबीआई या सरकारी जांच एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की है।घटना का संज्ञान लेकर सभी चेस्टों की जांच की जानी चाहिए।
इसलिए सड़ गए नोट
क्लीन करेंसी पर उठे सवाल
