
बरम (पिथौरागढ़): सीमा पर जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर क्षतिग्रस्त चर गाड़ पुल की मरम्मत कर वाहन संचालन के लिए खोल दिया गय है। सामरिक महत्व के इस मार्ग पर एक साल बाद पुल से वाहन संचालन होने लगा है। सामरिक महत्व के जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर बरम के निकट चर गाड़ पर बना मोटर पुल 2021 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल की नींव हिल गई थी और पुल से लगी सड़क पर दरारें आ गई थी। पुल पूरी तरह खतरे में आ गया था।
बीआरओ ने इस पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया था। वाहन नाले में ही चल रहे थे। यही सड़क मुनस्यारी से चीन सीमा से लगे मिलम सड़क को जोड़ती है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से इस मार्ग पर बड़े वाहन नहीं चल पा रहे थे। जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। दो तहसीलें बंगापानी और मुनस्यारी प्रभावित थीं। इधर अब मानसून काल निकट है और चर गाड़ फिर से उफान पर आ जाएगी और नाले से होकर वाहन संचालन संभव नहीं रहेगा।
बीआरओ के सम्मुख इस पुल की सुरक्षा की चुनौती थी। बीते माहों से पुल की मरम्मत का कार्य चल रहा था। गुरु वार को बीआरओ ने पुल की मरम्मत कर इसे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। सीमा पर 85 मीटर लंबे और 14 मीटर चौड़े पुल पर वाहन संचालन होने लगा है। एक साल बाद भारी वाहन भी मदकोट तक जा सकेंगे। इस मौके पर 765 बीआरओ के कमांडर कर्नल एनके शर्मा, कमांडर 47 बीआरटीएफ मनोज कुमार जैन, कमान अधिकारी 1447 बीसीसी रमेश गणपति, सहायक अभियंता धरमवीर सिंह, अवर अभियंता प्रदीप सिंह राठौर सहित बीआरओ के कर्मी और मजदूर मौजूद रहे। जनता ने पुल को यातायात के लिए खोलने पर खुशी जताई है।