
भारत के केंद्रीय बैंक के चीफ, शक्तिकांत दास ने बताया कि अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अन्य बैंकों को सरकारी बांड्स की लेन्डिंग की अनुमति दे सकता है. उन्होंने कहा, हमारा सुझाव है कि सरकारी सिक्योरिटीज के लेन्डिंग की इजाजत दे दी जाए. इससे इन्वेस्टर्स को अपनी बेकार पड़ी सिक्योरिटीज तैनात करने के लिए एक सही जगह मिल जाएगी.
इस फैसले से होगा ये फायदा
मोनेटरी पॉलिसी के अपने संबोधन के दौरान RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा – सरकारी बांड्स की लेन्डिंग की इजाजत मिलने कि वजह से लोग अपने पोर्टफोलियो रिटर्न्स को बढ़ा पायेंगे और ज्यादा सुविधाजनक तरीके से इसमें हिस्सा भी ले सकेंगे. यह एक फैसला सरकारी सिक्योरिटीज की मार्किट में ज्यादा डेप्थ और लिक्विडिटी का भी योगदान करेगा. बांड मार्किट में भाग लेने वाले लोगों ने बताया कि इस फैसले से बैंक अब सिक्योरिटीज को उधार ले सकते हैं. प्राइवेट बैंक से जुड़े एक ट्रेडर ने कहा – इसकी वजह से शोर्ट सेलिंग की प्रक्रिया भी काफी आसान हो जायेगी.
MPC ने अपनी मीटिंग में की जरूरी घोषणाएं
आज सुबह RBI की MPC (मोनेटरी पॉलिसी कमेटी) मीटिंग हुई जिसके दौरान बहुत से जरुरी फैसले लिए गए. सरकारी सिक्योरिटीज को उधार दिए जाने के फैसले के साथ साथ इस मीटिंग में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला भी लिया गया है. विश्व के सभी केन्द्रीय बैंकों द्वारा रेट्स में वृद्धि किये जाने के बाद RBI ने भी रेपो रेट में 25 BPS (बेसिस पॉइंट्स) कि वृद्धि की है जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.5% हो गया.
आखिरकार साल 2022 के अंतिम दो महीनों में डोमेस्टिक रिटेल इन्फ्लेशन RBI के द्वारा सुझाई गयी 2% – 6% की सीमा में रहा. RBI ने वित्त वर्ष 2022 – 23 के लिए रिटेल इन्फ्लेशन का प्रोजेक्शन 6.5% पर किया है जबकि अगले वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के केन्द्रीय बैंक ने रिटेल इन्फ्लेशन का प्रोजेक्शन 5.3% पर किया है. RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि ग्लोबल कमोडिटीज की कीमतों में अनिश्चितता के बावजूद इंडियन इकॉनमी अप्रभावित दिख रही है.