
पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ जिले में भी मानसिक रोगियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। एंजायटी से लेकर सिजोफ्रेनिया तक के मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इनमें किशोर आयु वर्ग की तादाद भी अच्छी खासी है। जिले के क्षय रोग चिकित्सालय में मानसिक रोगों के प्रारंभिक उपचार की सुविधा है। अस्पताल से मिले आंकड़े चौंकाने वाले हैं। हर माह 80 से 100 के बीच मानसिक रोगी उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों में एंजायटी डिसआर्डर, डिप्रेशन, साइकोसिस, सिजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं देखने में आ रही हैं। मानसिक रोग चिकित्सक ललित भट्ट बताते हैं कि अब जनपद में भी लोगों में मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं।
कोरोना काल के बाद इसमें ज्यादा उछाल आया है। पोस्ट कोविड लक्षणों में मानसिक समस्या भी देखने में आ रही है। कोरोना काल में वित्तीय नुकसान, रोजगार छिन जाने या स्वास्थ जैसी समस्याएं खड़ी होने से लोग मानसिक बीमारियों की चपेट में आए हैं। इसके अलावा किशोर आयु वर्ग में मानसिक बीमारी का सबसे बड़ा कारण नशा है। किशोर अल्कोहल या ड्राइ नशा कर रहे हैं। किशोरों को काउंसलिग और चिकित्सकीय उपचार से इस समस्या से आसानी से उबारा जा सकता है। उन्होंने बताया कि हर माह 80 से 100 लोग समस्याएं लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल से निशुल्क दवाएं उपचार के लिए दी जा रही हैं।