
उत्तरकाशी : यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चर, कंडी और डंडी (पालकी) की बेलगाम व्यवस्था पर आखिरकार जिला प्रशासन व जिला पंचायत ने लगाम लगानी शुरू कर दी है। रविवार से डंडी और कंडी की प्रीपेड टोकन व्यवस्था लागू हो चुकी है। पहले दिन जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम के लिए 312 डंडी (पालकी) और 35 कंडी प्रीपेड टोकन के तहत संचालित की गई। घोड़े-खच्चरों के लिए प्रीपेड टोकन व्यवस्था मंगलवार 17 मई से लागू करने की तैयार जिला पंचायत ने की है। इस व्यवस्था से मनमाना किराया वसूलने पर रोक लग सकेगी।
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद घोड़ा-खच्चर, कंडी और डंडी (पालकी) संचालकों ने जमकर लूट मचाई। प्रशासन भी इस व्यवस्था को सुधारने में लाचार दिखा। दैनिक जागरण ने यमुनोत्री धाम की अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित की। जिसके बाद जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला ने यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चर, कंडी और पालकी की अव्यवस्था के मामले को गंभीरता से लिया है। साथ ही इसे सुधारने की कवायद में जुटे हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संजय खंडूड़ी ने रविवार से यमुनोत्री धाम में डंडी और कंडी की प्रीपेड टोकन व्यवस्था लागू करवा दी है।
इसके साथ ही जिला पंचायत ने एक कार्याधिकारी और दस कर्मचारियों की तैनाती व्यवस्थाओं में सुधार के लिए की। 17 मई से यमुनोत्री में घोड़ा-खच्चरों का संचालन भी प्रीपेड टोकन व्यवस्था के तहत किया जाएगा। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संजय खंडूड़ी ने कहा कि प्रीपेड व्यवस्था में जो प्रशासन की ओर से घोड़ा-खच्चर, डंडी, कंडी का किराया तय किया गया है, उसी के तहत जिला पंचायत के प्रीपेड टोकन काउंटर पर डंडी व कंडी का किराया लिया जा रहा है। घोड़ा-खच्चर संचालन की प्रीपेड टोकन व्यवस्था के लिए सोमवार को एनाउंसमेंट किया जाएगा। मंगलवार से घोड़ा खच्चर संचालन की प्रीपेड की व्यवस्था शुरू की जाएगी।
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संजय खंडूड़ी ने बताया कि प्रीपेड टोकन व्यवस्था डंडी कंडी की सेवाओं को लेने वाले यात्री जानकी चट्टी में पुलिस चौकी के पास जिला पंचायत के काउंटर से प्रीपेड टोकन लेंगे। टोकन पर्ची में निर्धारित किराया अंकित होगा। जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम जाने और आने के लिए डंडी के लिए निर्धारित किराया 4235 रुपये, कंडी का 1940 और घोड़ा-खच्चर का 1450 रुपये है। किराया यात्री को जिला पंचायत के काउंटर पर ही जमा करना होगा।
जिसके बाद जिला पंचायत के काउंटर पर ठेकेदार द्वारा टोकन दिया जाएगा। यह टोकन यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के बाद जानकी चट्टी लौटने पर यात्री संबंधित डंडी कंडी संचालक अथवा जिला पंचायत के काउंटर पर देंगे। जिसके बाद डंडी कंडी संचालक को किराये की धनराशि दी जाएगी। इस व्यवस्था पर जिपं के अधिकारी कर्मचारी निरंतर निगरानी रखेंगे।