
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Elections-2022) से पहले सियासी दलों ने अपने प्रचार की रणनीति में बदलाव किया है. असल में राज्य में कोरोना वायरस के नए संक्रमण ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सियासी दल वर्चुअल रैलियों (Virtual Rally) के जरिए चुनाव प्रचार का प्लान तैयार कर रहे हैं. वहीं जिन दलों को बिहार चुनाव में वर्चुअल रैली का अनुभव है, उन्हें यूपी चुनाव में इसका फायदा मिलेगा. वहीं सियासी दल सोशल मीडिया के मैनेजरों को नियुक्त कर अपनी रैलियों को जनता तक पहुंचाने की तैयारी में हैं.
राज्य में फिर से सत्ता में आने का सपना देख रही है सत्ताधारी बीजेपी संपर्क अभियान शुरू करने की योजना बना रही है तो कांग्रेस घर-घर जाकर अपने पक्ष में जनता को लाने की रणनीति तैयार कर ही है. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश वर्चुअल रैलियां का प्लान बना रहे हैं तो बीएसपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सक्रिय हो गई है. वहीं पिछले दिनों ही बीएसपी ने सोशल मीडिया कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे को सौंपी है. ताकि वह वर्चुअल माध्यमों के जरिए अपने वोटरों तक पहुंच सके. जबकि बीजेपी सोशल मीडिया के जरिए बड़े स्तर पर प्रचार कर रही है.