Latest NewsNational

50वें विजय दिवस पर पीएम मोदी ने युद्ध के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

विजय दिवस (Vijay Diwas) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर स्वर्णिम विजय मशाल (Swarnim Vijay Mashaals) के सम्मान समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे. सम्मान समारोह में पहुंचकर पीएम ने युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने इस दौरान चार मशालों को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रज्वलित मशाल के साथ मिलाया. गौरतलब है कि इन मशालों को देशभर में घुमाया गया था.

पीएम मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा, ‘पूरे राष्ट्र की ओर से मैं 1971 के युद्ध के योद्धाओं को सलाम करता हूं. नागरिकों को उन वीर योद्धाओं पर गर्व है, जिन्होंने वीरता की अनूठी दास्तां लिखी.’ 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहादत देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के पराक्रम और बलिदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने ट्विट किया, ’50वें विजय दिवस पर मैं मुक्तियोद्धाओं, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की वीरता और बलिदान को याद करता हूं. साथ मिलकर हमने दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और विजय हासिल की. ढाका में राष्ट्रपति जी की उपस्थिति प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष महत्व रखती है.’

1971 का युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) भी विजय दिवस के अवसर पर स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पोस्टल स्टाम्प जारी किया. रक्षा मंत्री ने ट्विट करते हुए लिखा, ‘स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर हम 1971 के युद्ध के दौरान अपने सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को याद करते हैं. 1971 का युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है. हमें अपने सशस्त्र बलों और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है.

9 महीनों तक चला था 1971 का युद्ध

वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 50वें विजय दिवस पर आयोजित समारोहों में हिस्सा लेने बांग्लादेश गए हैं. 1971 में आज ही के दिन पूर्वी पाकिस्तान के चीफ मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी और पूर्वी पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तानी सैन्य बलों के कमांडर ने बांग्लादेश के गठन के लिए ‘इंन्स्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर’ पर हस्ताक्षर किए थे. नियाजी ने ढाका में भारतीय और बांग्लादेश बलों का प्रतिनिधित्व कर रहे जगजीत सिंह अरोरा की उपस्थिति में ये हस्ताक्षर किए थे. 1971 में 9 महीने तक चले युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था.

Leave a Response

etvuttarakhand
Get the latest news and 24/7 coverage of Uttarakhand news with ETV Uttarakhand - Web News Portal in English News. Stay informed about breaking news, local news, and in-depth coverage of the issues that matter to you.