
रुड़की: एक पेट्रोल पंप व्यवसायी ने सिविल लाइन कोतवाली में तैनात एसएसआई पर उत्पीड़न (Petrol pump owner made serious allegations ) करने का आरोप लगाया है. साथ ही एसएसआई पर पद का दुरुपयोग करते हुए झूठा मुकदमा दर्ज करवाने की बात भी पेट्रोल पंप व्यवसायी ने कही है. पेट्रोल पंप व्यवसायी का आरोप है कि भविष्य में गंभीर मुकदमे दर्ज करवाने की चेतावनी भी एसएसआई ने दी है. वहीं, इन सब आरोपों को एसएसआई की पत्नी ने निराधार बताया. मामला सारा पेट्रोल पंप के मालिकाना हक(Controversy over ownership of petrol pump) को लेकर हैं. जिस पर ये दोनों पक्ष आमने सामने हैं.
जिसके बाद साल 2014 नवंबर में पंप के लिए अप्लाई किया. 2015 में पंप निर्मला चौहान के नाम से एलॉट हुआ. इसके बाद कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद साल 2016 में पंप शुरू हुआ. इस पंप में 10 प्रतिशत की पार्टनरशिप केदार सिंह चौहान की पत्नी के नाम हुई. जिसमें स्पष्ट लिखा है कि वह कोई पैसा खर्च नही करेंगे. किसी नुकसान में उनका कोई लेनादेना नहीं होगा. सिर्फ लाभ में वह साझेदार होंगे. इसी के साथ ही अन्य छह साझेदार इस पंप में शामिल हुए.
आनंद ने बताया निर्मला चौहान के नाम से बैंक खाते खोले गए. सभी कागजातों में उनके साइन हुए. बैंक की लिमिट भी उनके साइन पर ही हुई. उन्होंने बताया पंप का संचालन सही चल रहा था, लेकिन साल 2019 में अन्य पार्टनरों ने समय देने में असमर्थता जताई और अपनी पार्टनरशिप वापस लेने की बात कही. सभी की सहमति के बाद आनंद सेठ ने पंप के सभी शेयर ले लिए. आनंद सेठ के अनुसार वह समय से निर्मला चौहान के हिस्से का पैसा उनके पास तक पहुंचाता रहा. कई बार शेरपुर निवासी सोनू सैनी को पैसे दिए गए.
उन्होंने कहा 15 जून 2022 को केदार सिंह चौहान की नियुक्ति सिविल लाइन कोतवाली में हुई. उसके बाद उन्होंने कई बार उन्हें कोतवाली बुलाया और पंप छोड़ने के लिए कहा. आनंद सेठ के अनुसार जब उन्होंने पंप में लगाई गई लागत मांगी तो चौहान ने कहा कि वह केवल ड्राफ्ट के पैसे देंगे. आनंद की माने तो चौहान ने पंप न छोड़ने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. 20 अगस्त को मंगलौर कोतवाली में एक झूठी एफआईआर भी दर्ज करवा दी.