
हरिद्वारः कंपकंपाती सर्द रात में सड़कों पर घूमने वाले लोगों का सहारा सिर्फ और सिर्फ अलाव होता है. तीर्थनगरी हरिद्वार में भी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए हर साल सर्दी में चौक-चौराहों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन सहित हर की पैड़ी आदि स्थानों पर श्रद्धालुओं और गरीब लोगों के लिए नगर निगम अलाव की व्यवस्था करता है. लेकिन इस बार शायद नगर निगम को कड़ाके की ठंड नजर नहीं आ रही है.
इसीलिए नगर निगम की ओर से अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. आज भी हरिद्वार में लोग अपने व्यक्तिगत खर्चे पर अलाव जलाकर रात गुजारने पर मजबूर हैं. नगर निगम या प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
धर्मनगरी हरिद्वार में रोजाना बाहर से आने वाले यात्रियों का कहना है कि दो दिन से हरिद्वार में बहुत ठंड पड़ रही है. मगर यहां पर अलाव की व्यवस्था नहीं है. इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हरिद्वार के दुकानदार अपने खर्चे पर अलाव जलाने को मजबूर हैं. दुकानदारों का कहना है कि ठंड में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पिछले साल हर चौक-चौराहों पर लकड़ी डाली गई थी. लेकिन इस बार नगर निगम की तरफ से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
यात्रियों की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी कड़कड़ाती ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि ठंड की वजह से दिक्कत हो या न हो, पर उन्हें तो ड्यूटी करनी है. हरिद्वार में दो-तीन दिन से ठंड काफी बढ़ रही है. अलाव जलाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था वो खुद कर रहे हैं.
दूसरी ओर मुख्य नगर आयुक्त उदय सिंह राणा अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि ठंड का असर पूरे उत्तर भारत में है. हरिद्वार में भी काफी ठंड पड़ रही है.
उन्होंने कहा कि उनके पास लकड़ी अभी आई है. लकड़ियों के पुराने स्टॉक से अलाव की व्यवस्था की गई है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है. ईटीवी भारत की टीम ने जब मौके का मुआयना किया तो लोगों ने कहा कि अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.