

अल्मोड़ा : कोरोना की तीसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही जिला अस्पताल में प्राणवायु भी ठप पड़ गई है। आक्सीजन जनरेशन प्लांट की सर्विस नहीं होने से फिलहाल मजबूरन प्लांट को बंद करना पड़ गया है। जिससे अस्पताल में पुरानी योजना के तहत सिर्फ आक्सीजन सिलिडरों से ही प्राणवायु मुहैया करवाई जा रही है। बूस्टर नहीं लगने से रूकी हैंडओवर की प्रक्रिया के बीच प्लांट की सर्विस भी अधड़ में लटकी हुई है।
कोरोना की पहली लहर के बाद आक्सीजन की कमी की आशंका को देखते हुए जिला अस्पताल के लिए 516 लीटर प्रति मिनट का आक्सीजन जनरेशन प्लांट को स्वीकृति मिली थी। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग ने करीब 99 लाख रुपये की लागत से पिछले साल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाया। इससे अस्पताल में आक्सीजन की कमी दूर होने के साथ बार-बार हल्द्वानी और ऊधम सिंह नगर से सिलिडर रिफलिग कर अल्मोड़ा पहुंचाने का झंझट भी खत्म होना था।

कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की भारी कमी हुई, जिसके चलते पिछले साल आक्सीजन जनरेशन प्लांट का उद्घाटन कर दिया गया। करीब छह माह से अधिक समय तक प्लांट संचालित होता रहा, लेकिन अंतिम चरण में इसमें बूस्टर नहीं लग पाने से अब तक प्लांट अस्पताल को हैंडओवर नहीं हो सका है। हालांकि बिना हैंडओवर के ही अस्पताल का प्लांट आक्सीजन मुहैया कराने के लिए संचालित किया जा रहा था। लेकिन अब बीते दिनों कुछ तकनीकी समस्या के बीच मशीन सर्विस मांगने लगी। मशीन की रीडिग निगेटिव पहुंच गई, जिससे समस्या बढ़ गई। मजबूरी में अस्पताल प्रशासन ने मशीन को बंद कर दिया है।