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हरिद्वार में पत्थरों को पीसकर बनाया जाता है ऑर्गनिक सिंदूर

हरिद्वार. उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार के बाजार अपने अनूठे उत्पादों के लिए देश-विदेश तक जाने जाते हैं. यहां सस्ते कपड़े, उच्च गुणवत्ता के किफायती रत्न, घर की साज-सजावट के लिए सामानों की कम कीमत की बेहिसाब वैरायटी देखने को मिल जाती है. वहीं हरिद्वार का सिंदूर भी काफी प्रसिद्ध है.

कहा जाता है कि जो व्यक्ति हरिद्वार में गंगा स्नान करने आते हैं, वह यहां से सिंदूर जरूर लेकर जाते हैं. हरिद्वार के सिंदूर का इतिहास काफी पुराना है. कहा जाता है कि जिस तरह मां गंगा अविरल रूप से बहती हैं, उसी तरह हरिद्वार का सिंदूर लगाने वाली महिलाओं के सुहाग की उम्र भी लंबी होती है.

हरिद्वार के इन बाजारों में मिलता है सिंदूर
हरिद्वार के मोती बाजार, बड़ा बाजार, अपर रोड बाजार या अन्य बाजारों में ज्यादातर दुकानों पर सिंदूर आसानी से मिल जाता है. हरिद्वार में करीब 50 साल से सिंदूर की दुकान चला रहे दुकानदार विशाल मेहरा ने बताया कि धर्मनगरी में मिलने वाला सिंदूर शुद्ध और असली होता है. हरिद्वार में गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालु मां गंगा का आशीर्वाद समझकर सिंदूर अपने साथ जरूर ले जाते हैं.

पत्थरों को पीसकर बनाते हैं सिंदूर
विशाल मेहरा ने कहा कि जैसे मां गंगा की अविरल धारा हमेशा बहती रहती है, वैसे ही सिंदूर लगाने वाली सुहागिनों के सुहाग की उम्र भी लंबी होती है. हरिद्वार का सिंदूर बिना किसी केमिकल के बनता है. विशाल मेहरा बताते हैं कि हरिद्वार में पत्थरों से बना हुआ असली सिंदूर मिलता है. इसमें किसी अन्य केमिकल और रंग की मिलावट नहीं की जाती है. यहां पत्थरों को पीसकर प्राकृतिक तरीके से सिंदूर बनाया जाता है. वह बताते हैं कि विदेशों में भी सिंदूर लगाने का चलन शुरू हो गया है. इसीलिए हरिद्वार में विदेशों से घूमने आने वाली महिलाएं भी अपने साथ सिंदूर लेकर जाती हैं. बाजार में सिंदूर 50 रुपये प्रति डिब्बी की दर से मिलता है.

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