
उत्तरकाशी : Avalanche in Uttarkashi : नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के एडवांस पर्वतारोहण प्रशिक्षण दल के मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आने से दो प्रशिक्षक और 27 प्रशिक्षु पर्वतारोही लापता हो गए थे। अब इनके जीवित होने की उम्मीद न्यून है।
इस प्रशिक्षण के दौरान हुई लापरवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब अभी अनुतरित हैं। पर्वतारोहण के प्रशिक्षण में किसी चोटी का आरोहण नहीं, बल्कि केवल हाइट गेन करना मुख्य लक्ष्य होता है।
इसी में कदम-कदम पर लापरवाही हुई है। यहां तक कि खोज-बचाव और सही सूचना जारी करने में भी निम की ओर से लापरवाही बरती गई।
ट्रैक की रेकी पर सवाल
निम में बेसिक और एडवांस पर्वतारोहण प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा को लेकर खास सावधानियां बरतनी होती हैं। सुरक्षा को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं लिया जाता। एडवांस कोर्स के प्रशिक्षुओं को जब हाइट गेन और आरोहण कराया जाता है, तब मुख्य प्रशिक्षक एक दिन पहले ही ट्रैक पर रस्सी बांध देते हैं और ट्रैक की रेकी भी करते हैं। ताकि किसी तरह का खतरा न हो। इसमें लापरवाही का अंदेशा है।
सर्च एंड रेस्क्यू प्रशिक्षण पर सवाल
निम दावा करता है कि सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला वह एशिया का इकलौता संस्थान है। लेकिन, मंगलवार सुबह जब दो प्रशिक्षक और 27 प्रशिक्षु हिमस्खलन में दबे तो रेस्क्यू करने के लिए वायु सेना, सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी और हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग से मदद मांगी गई। इसके साथ ही निम को संसाधनों की कमी भी झेलनी पड़ी।