
कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल विदेश दौरे से वापस लौटे चुके हैं. ऐसे में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर मंत्री पद से इस्तीफे का नैतिक दबाव बढ़ रहा है. जांच रिपोर्ट ने तो मंत्री प्रेमचंद के इस्तीफे की मांग को बढ़ा दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो विधानसभा भर्ती का चैप्टर क्लोज होने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब भी सरकार पर आम लोगों की भर्तियों को लेकर दबाव बना हुआ है. विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा सोशल मीडिया पर आम लोग कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए 72 लोगों को भाई-भतीजावाद के तहत विधानसभा में नौकरी दी गई थी. बड़ी बात यह है कि 3 सदस्य कमेटी ने इन भर्तियों को पूरी तरह से अवैधानिक मान लिया है. साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए प्रेमचंद अग्रवाल ने अवैधानिक रूप से नियुक्तियां करवाई. लिहाजा अब उनके मंत्री पद पर नैतिक रूप से इस्तीफे की मांग भी की जा रही है और उन पर इसका भारी दबाव भी है.