
राजस्थान में पाली के कुमावत समाज के 19 खेड़ों (गांव) के लोगों ने समाज में होने वाली शादियों को लेकर अलग ही फैसला लिया है. समाज के लोगों ने एक बैठक कर निर्णय लिया कि दूल्हा अगर क्लीन शेव होगा तो ही शादी की जाएगी. इसके अलावा हल्दी की रस्म में भी पीले फूल से लेकर कपड़ों पर पाबंदी रहेगी.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को राजस्थान के पाली शहर में कुमावत समाज की बैठक हुई. इस बैठक में शादियों में फैशन के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने का फैसला लिया गया. इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, शादी में फेरे के लिए पहली शर्त यह रखी गई है कि दूल्हे की दाढ़ी बढ़ी हुई नहीं होगी. क्लीन शेव होगा तो ही फेरे होंगे.
इसके साथ ही फैशन के नाम थीम बेस्ड होने वाली हल्दी की रस्म में पीले फूल से लेकर कपड़े और डेकोरेशन पर भी फिजूलखर्ची की तो इसके लिए जुर्माना देना होगा.
इन पाबंदियों को लेकर समाज के लोगों का तर्क है कि विवाह एक संस्कार है. दूल्हे को इसमें राजा के रूप में देखा जाता है, जबकि फैशन के फेर में दूल्हे कई प्रकार की दाढ़ी बढ़ाकर रस्में निभाते हैं. समाज के लोगों ने कहा कि फैशन मंजूर है, लेकिन शादी में इस तरह नहीं.