
पिथौरागढ़. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की डीडीहाट विधानसभा में हाट-लोधड़ा गांव को जोड़ने वाले मोटर मार्ग में निर्माणदायी संस्था ने सड़क तो काट दी, लेकिन इस सड़क को दोनों ओर से जोड़ने के लिए विभाग पुल बनाना भूल गया. इससे यह सड़क अब हाथी के दिखने वाले दांतों जैसी हो गई है. इसका फायदा यहां के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. हालत यह है कि इस सड़क में जहां पुल बनना था, वहां लोग नदी में पैदल ही आवाजाही कर रहे हैं.
जबकि स्कूल जाने वाले छात्र जूते हाथ में लेकर नदी को पार करते हैं. वहीं, बरसात की बात की जाए, तो नदी के तेज बहाव में कई ग्रामीणों की जान जाते-जाते बची है. साल 2016 में कट चुकी इस सड़क में पुल बनाने के लिए दोनों साइड पिलर तो खड़े हो गए है, लेकिन पुल बनाने को लेकर अभी तक पिछले पांच साल से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. जबकि इलाके स्कूल जाने वाली छात्राओं ने अपनी परेशानी वीडियो के माध्यम से भेजी है.
वहीं, जन समस्याओं के मुद्दे उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश कुमार ने इस संबंध में निर्माणदायी संस्था का पता लगाने की कोशिश की, तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ. दरअसल संस्था के बारे में किसी विभाग को कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी ने दिया ये भरोसा
पिछले पांच सालों से लोधड़ा के ग्रामीण पुल बनने का इंतजार कर रहे हैं. पुल के न बन पाने से यहां ग्रामीण गुस्से में हैं. कहीं सड़क ही नहीं है, तो कहीं सड़क का निर्माण पूरा ही नहीं हो सका है. अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की क्या परिभाषा है. इस मामले में पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को ग्रामीणों की इस समस्या के बारे में बताया गया, तो उन्होंने जल्द से जल्द पुल बनाने की बात कही है.