
भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव होली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर में विराजमान होगी और 25 नवंबर से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी.
पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंची. जहां सैकड़ों की तादात में पहुंचे श्रद्धालुओं ने डोली पर पुष्पवर्षा करके विश्व कल्याण की कामना की.
भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव होली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर में विराजमान होगी.
बता दें, बीते शनिवार को सुबह ठीक नौ बजे भगवान मद्महेश्वर की डोली ने रांसी गांव से अपने अगले पड़ाव गिरीया गांव के लिए प्रस्थान किया था.
रांसी गांव से प्रस्थान करने से पहलेराकेश्वरी के मंदिर प्रधान पुजारी बागेश लिंग डोली और अन्य देवी-देवताओं को विशेष पूजा-अर्चना की थी.