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अगले 20 साल में ग्रीन एनर्जी में सुपर पावर बनेगा भारत- मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) एशिया इकोनॉमिक डायलॉग 2022 (Asia Economic Dialogue 2022) को संबोधित कर रहे हैं. इस समिट में उन्होंने पर्यावरण में बदलाव मानवता के लिए बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा, भारत अगले 20 साल में ग्रीन एनर्जी (Green Energy) में सुपर पावर बनेगा. भारत ग्रीन एनर्जी को एक्सपोर्ट कर सकता है. 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा. दुनिया के बाकी देशों से एशिया की जीडीपी ज्यादा है. क्लीन एनर्जी विकल्प नहीं, जरूरत है. पुणे इंटरनेशनल सेंटर पॉलिसी रिसर्च थिंक टैंक और विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) की द्वारा इसका आयोजन किया गया है.

अंबानी ने कहा, यह भारत का समय है. भारत दुनिया में क्‍लीन और ग्रीन एनर्जी का अग्रणी बनेगा. अगले 20 साल में देश में टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर में सकारात्‍मक बदलाव होंगे. पिछले कुछ साल में रिन्युअल एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ा है. बजट में भी ग्रीन एनर्जी को लेकर बड़ी घोषणाएं हुई हैं. उन्होंने कहा, ग्रीन एनर्जी बेहतर जीवन की राह को आसान करेगी.

भारतीय उद्योपतियों में भरपूर जोश

मुकेश अंबानी ने कहा कि भारतीय उद्योपतियों में जोश भरपूर है. ग्रीन एनर्जी को ग्रीन एनर्जी की फंडिंग को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही है. ग्रीन एनर्जी में निवेश के लिए भारत आकर्षक विकल्प है. ग्रीन और क्लीन एनर्जी में भारत को हिस्सा बढ़ाना चाहिए. सरकार ग्रीन एनर्जी लक्ष्य पाने को प्रतिबद्ध है.

यह सम्मेलन एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमें विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों, वरिष्ठ नौकरशाहों, उद्योग जगत के लीडर, डोमेन विशेषज्ञों और वैश्विक व्यापार और वित्तीय विशेषज्ञों हिस्सा ले रहे हैं. इसमें मुख्‍य चर्चा वैश्विक व्‍यापार और वित्‍तीय क्षेत्र में कोविड-19 के प्रभाव पर होगी.

आपको बता दें कि ग्लास्गो में आयोजित जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत 2070 तक नेट जीरो कार्बन इमिशन वाला देश बन जाएगा. इसके अलावा 2030 तक के लिए भी कई और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. भारत 2030 तक कम कार्बन उत्सर्जन वाली अपनी विद्युत क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने और 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य बना रहा है.

क्लीन एनर्जी पर बढ़ा फोकस

RIL ने अपने ग्रीन एनर्जी कारोबार को आकार देने के लिए सौर, बैटरी और हाइड्रोजन क्षेत्र में निवेश की खातिर कई भागीदारियां की हैं. कंपनी ने आरईसी, नेक्सवेफ, स्टर्लिंग एंड विल्सन, स्टिसाल और अंबरी के साथ 1.2 अरब डॉलर की कुल लागत वाली साझेदारी करेगी.

रिलायंस अधिग्रहण की गयी टेक्नोलॉजी का व्यावसायीकरण करेगी और भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगी. साथ ही कहा गया कि उम्मीद है कि रिलायंस क्लीन एनर्जी के क्षेत्र के लिए ईंधन सेल और प्रमुख सामग्री जैसी टेक्नोलॉजी में निवेश करना जारी रखेगी.

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