
उत्तरकाशी : गंगा (भागीरथी) के मायके उत्तरकाशी में अवैध खनन चरम पर है। जेसीबी और पोकलेन मशीन के जरिये खनन माफिया ने गंगा को खोखला कर डाला है। खनन माफिया पर स्थानीय तहसील प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। हाल यह है कि कुछ अधिकारी तो खनन माफिया के मुखबिर बने हुए हैं। यही कारण रहा कि शनिवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर छापेमारी को गई टीम की छापेमारी की भनक लगते ही खनन माफिया सतर्क हो गए, जिससे टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
जनपद उत्तरकाशी में भागीरथी नदी पर अवैध खनन लंबे समय से चल रहा है। उत्तरकाशी से लेकर चिन्यालीसौड़ तक खनन पट्टों की आड़ में जमकर अवैध खनन किया जा रहा है। चिन्यालीसौड़ क्षेत्र में भी जेसीबी और पोकलेन मशीन से अवैध खनन किया जा रहा है। करीब दो माह पहले डुंडा के निकट एक खनन माफिया ने भागीरथी नदी का प्रवाह रोक दिया था। मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई कर नदी के प्रवाह को सुचारू किया तथा खनन माफिया पर जुर्माना लगाया था। दूसरी घटना फरवरी माह में हुई। तहसील स्तर के अधिकारियों ने जब शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की तो जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अवैध खनन का संज्ञान लिया।
जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसील स्तर के अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए विवश होना पड़ा। लेकिन उसके बाद भी उत्तरकाशी से लेकर चिन्यालीसौड़ तक जेसीबी, पोकलेन मशीन से अवैध खनन नहीं रुका। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकट मनेरा में भी खनन माफिया दिन रात खनन में जुटे हुए हैं। यहां सड़क के किनारे अवैध रूप से भंडारण भी किया गया है। दिलसौड़ गांव के निकट अवैध खनन के लिए खनन माफिया ने भागीरथी नदी तक सड़क बना दी है, जिससे अवैध खनन किया जा रहा है। खनन माफियाओं ने गंगा नदी को खोखला कर डाला है। नदी के किनारे बड़े-बड़े गड्ढे बनने से खतरा पैदा हो गया है।
पोकलेन मशीन से भागीरथी नदी में खनन की सूचना पर प्रशासन की टीम भेजी गई थी, लेकिन खननकारी हाथ नहीं आए। लगातार निगरानी रखकर अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी उत्तरकाशी