
भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का निर्माण अगले साल तक पूरा हो जाएगा. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का विकास किया जा रहा है, जिनके अगले साल यानी 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है. मंत्री ने यह भी कहा कि इंडियन रेलवे अपनी ‘गति शक्ति टर्मिनल पॉलिसी’ के माध्यम से देश के रिमोट (दूरस्थ इलाके) और असंबद्ध क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है और इस नीति पर तेजी से काम हो रहा है.
‘ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम’ पर जोर
गौरतलब है कि हाल ही में ‘वंदे भारत’ को रेलवे सेफ्टी कमिश्नर से हरी झंडी मिली है. ट्रेन और ट्रैक मैनेजमेंट के बारे में बात करते हुए अश्विनी वैष्णव ने पहले कहा था कि हमारा ध्यान सिर्फ ट्रेनों के निर्माण पर नहीं है. हम सेमी-हाई या हाई स्पीड वाली ट्रेनों को चलाने के लिए ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम पर भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि वंदे भारत के ट्रायल रन के दौरान हम देश को यह पहले ही दिखा चुके हैं कि कैसे ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी जब पानी का ग्लास टेबल पर रखा हुआ था और वो बिल्कुल स्टेबल था. इस खासियत ने दुनिया को हिला कर रख दिया.