

अल्मोड़ा : जिले में अदरक की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की ओर से काश्तकारों को 575 क्विटल अदरक का बीज सब्सिडी पर वितरित कर दिया गया है। यह बीज काश्तकारों को जिले के 36 उद्यान सचल दल केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। इधर बीज उपलब्ध होने के बाद काश्तकारों ने इस फसल की बोआई शुरू कर दी है। इस फसल की विशेषता यह है कि इसे बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। जिले के विभिन्न विकास खंडों में 412 हेक्टेअर में अदरक की खेती की जाती है। जंगली जानवरों की ओर से अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाने के कारण अब काश्तकार अदरक की खेती में रुचि दिखाने लगे हैं।

उद्यान विभाग की ओर से काश्तकारों को 575 अदरक का बीज वितरित किया गया है। वहीं विभागीय अनुमान के अनुसार काश्तकारों ने पहले से ही करीब एक हजार क्विटल बीज पहले ही अपने पास बनाकर रखा है। इस प्रकार काश्तकारों की ओर से करीब 1575 क्विटल अदरक की बोआई की जाएगी। इधर उद्यान विभाग के अनुसार जिले के विभिन्न विकास खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 80 फीसद अदरक के बीज की बोआई का काम कर लिया गया है। शेष बोआई के लिए काश्तकार खेतों को तैयार करने में जुटे हुए हैं। यह बहुउपयोगी फसल है, इसका उपयोग चाय के साथ ही विभिन्न सब्जियों को स्वादिष्ट बनाने के तौर पर किया जाता है। जिले के विभिन्न विकास खंडों में 319 हेक्टेअर क्षेत्रफल में अदरक की खेती की जाती है।
काश्तकारों के बेहतर हितों के लिए उद्यान विभाग व शासन लगातार सजग है। सभी 36 उद्यान सचल दल केंद्रों के माध्यम से काश्तकारों को अदरक का बीज 50 फीसद सब्सिडी पर उपलब्ध करा दिया गया है। काश्तकारों का अदरक की खेती के प्रति लगातार बढ़ता जा रहा रुझान बढ़ना अच्छी पहल है। यह उनकी आर्थिकी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। वहीं किसानों की आर्थिकी में भी सुधार होगा।
– एसके शर्मा , मुख्य उद्यान अधिकारी, अल्मोड़ा
