
काशीपुर: उधम सिंह नगर के काशीपुर में 2 अप्रैल से शुरू हुआ चैती मेला अपने पूरे शबाब पर है. चैती मेले में हर साल की तरह इस बार भी घोड़ा बाजार लगा है. घोड़ा बाजार में इस बार सबसे महंगा घोड़ा भूरा है. भूरा की कीमत ₹21 लाख रुपए है. कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों यह बाजार नहीं लग पाया था. इस वजह से इस बार घोड़ा व्यापारी और घोड़ों के खरीददार कम संख्या में मेले में पहुंचे हैं.
अनेक प्रदेशों से आए हैं घोड़ा व्यापारी: चैती मेले में लगने वाले घोड़ा बाजार में इस बार उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और पंजाब आदि से घोड़ा व्यापारी पहुंचे हैं. घोड़ा खरीदार घोड़ों को दौड़ाकर व उनके करतब देखकर ही खरीदते हैं. इस बार इस घोड़ा बाजार में सिन्धी, अरबी, मारवाड़ी, अवलक, अमृतसरी, वल्होत्रा, नुखरा और अफगानी प्रजाति के घोड़े आये हैं. यहां लुधियाना और पंजाब के घोड़ों की डिमांड काफी रहती है.
भूरा की खुराक: घोड़े के मालिक हाजी इबले हसन ने बताया कि भूरा की रोजाना की खुराक करीब एक हजार रुपये की है. उन्होंने बताया कि वो घोड़े को रोजाना पांच लीटर दूध, 100 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर देते हैं. साथ ही ₹5000 कीमत का घर का बनाया हुआ चूर्ण देते हैं. चूर्ण में कई प्रकार के मेवे और औषधियां मिली रहती हैं. यह चूर्ण महीने में दो बार बनाया जाता है. साथ ही 5 किलो चोकर भी रोजाना दिया जाता है.
140 साल से चल रहा घोड़ा बाजार: घोड़ा बाजार लगाने वाले चौधरी शौकत ने बताया कि घोड़ा बाजार उनके पूर्वजों का लगाया हुआ है, जिसे कि 140 साल हो गए हैं. यह बाजार उनके दादा के दादा हुसैन बख्श के द्वारा लगाया गया था. हुसैन बख्श के बेटे का नाम मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद हुसैन के बेटे का नाम अली बहादुर, अली बहादुर के बेटे का नाम जाफर अली और जाफर अली के बेटे वह खुद हैं. उन्होंने बताया कि इस घोड़ा बाजार में मेरठ, बाबूगढ़ छावनी, रानीखेत छावनी और गौशाला तक से घोड़े खरीदने आते थे.
बता दें, उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी और एसएसपी ने बीते रोज चैती मेला की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान डीएम और एसएसपी ने ऐतिहासिक चैती मेले की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया था. चैती मेला एक महीने तक चलेगा.