हाईकोर्ट ने रेलवे, वन भूमि की अवैध बिक्री के मामले में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने के दिये निर्देश

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में भू-माफियाओं द्वारा रेलवे, वन और राजस्व भूमि की अवैध रूप से की गयी बिक्री के मामले में याचिकाकर्ता को पूरक शपथ पत्र के साथ साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
दरअसल हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि हल्द्वानी की गफूर बस्ती और गौलापार के गौजाजाली में रेलवे, राजस्व और आरक्षित वन भूमि को भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से बिक्री की गयी है।
पांच सौ रुपये के स्टांप पेपर पर जमीन की खरीद फरोख्त की गयी है। जिन लोगों को भूमि बेची गयी है उनमें अधिकांश उत्तराखंड के अनिवासी हैं जबकि कुछ हमारे देश के भी नहीं हैं। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि उसने मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों को इस मामले में शिकायत की।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी पत्र भेजकर इस प्रकरण की जांच की मांग की गयी। मुख्य न्यायाधीश की ओर से नैनीताल के जिलाधिकारी को पत्र भेज कर मामले का संडान लेने को कहा गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
याचिका में कहा गया कि हल्द्वानी पुलिस ने अपनी जांच में गड़बड़ी की बात मानते हुए राजस्व विभाग से जांच कराने की सिफारिश कर दी।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिये कि याचिका में उठाये गये बिन्दुओं के संदर्भ में पूरक शपथपत्र के माध्यम से ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करे। इस मामले में अगली सुनवाई 04 दिसंबर को होगी।