
पिथौरागढ़: उत्तराखंड की सत्ता संभालने वाली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के तमाम दावे किए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों हालात आज भी राज्य गठन से पूर्व के ही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग छोटी-छोटी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। पिथौरागढ़-थल रोड से लगे दो कस्बे मुवानी और देवलथल इसकी गवाही दे रहे हैं। दोनों कस्बों में स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। करीब दस हजार की आबादी इन्हीं दो स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर है। स्वास्थ्य केंद्र बस नाम के ही हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां अक्सर दुर्घटनाएं, ग्रामीण महिलाओं के जंगलों में घास काटने दौरान गिरकर घायल होने की घटनाएं होती रहती हैं।
उपचार के लिए लाए जाने वाले घायलों को सबसे पहले एक्सरे की आवश्यकता होती है, लेकिन दोनों ही स्वास्थ्य केंद्रो में आज तक एक्सरे मशीन नहीं लगी है। क्षेत्र के लोग लंबे समय से स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे मशीन लगाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। इसी क्षेत्र के कोलपानी में महिलाओं के प्रसव कराने के उददेश्य से एएनएम सेंटर खोला गया था, लेकिन व्यवस्थाओं की कमी के चलते आज तक यहां प्रसव के इंतजाम नहीं हो सके हैं। मजबूर महिलाओं को जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश कुमार ने कहा है कि सरकारों ने अब तक स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर क्षेत्र की जनता को सिर्फ गुमराह किया है।
स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे मशीनें लगाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। जिले के कई स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे मशीन लगाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। – एचएस ह्यांकी, मुख्य चिकित्साधिकारी