
कर्णप्रयाग: किडनी की गंभीर बीमारी झेल रहे मरीजों के उपचार के लिए प्रदेश सरकार की पहल पर हंस फाउंडेशन कर्णप्रयाग में डायलिसिस यूनिट का संचालन करेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कर्णप्रयाग ट्रामा सेंटर में आवश्यक उपकरणों को स्थापित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।
शुक्रवार को उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग के अधीक्षक डा.राजीव शर्मा, जिला चिकित्साधिकारी गोपेश्वर डा.एस पी कुडियाल एवं हंस फाउंडेशन डायरेक्टर विजय जमवाल ने ट्रामा सेंटर में डायलिसिस यूनिट के लिए तैयार होने वाले कक्ष-कक्षों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहीं उपजिला चिकित्सालय व सिमली बेस अस्पताल का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था पर जोर देने के निर्देश दिए।
उपजिला चिकित्सालय के अधीक्षक डा.राजीव शर्मा ने बताया कि एक दशक से कर्णप्रयाग ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करने की मांग की जा रही थी। अब शासन की पहल पर ट्रामा सेंटर के उपरी मंजिल के दो कक्ष स्वास्थ्य विभाग की ओर से हंस फाउंडेशन को करार के अनुसार दिए जाएंगे। जिसमें हंस फाउंडेशन का अपना नेफरोलाजिस्ट, स्टाफ नर्स व अन्य स्टाफ होगा। दो कमरों में तीन डायलिसिस मशीनों को रखा जा सकेगा। जिससे किडनी रोग के गंभीर बीमार को डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
दरअसल लंबे समय से कर्णप्रयाग में 88 लाख रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर तैयार किया गया था, लेकिन भवन का सदुपयोग नहीं हो सका था। कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम की ओर से किया गया कार्य कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त भी हो गया था। लेकिन अब शासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को ट्रामा सेंटर के मरम्मत सहित अन्य कार्यो के लिए 20 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। जिससे बंद पड़ी नालियां, शौचालय व दीवारों का सुंदरीकरण, दरवाजे और खिड़की की मरम्मत का कार्य किया जा सकेगा।
हंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय जमवाल ने बताया कि कर्णप्रयाग ट्रामा सेंटर में फिलहाल दो कमरों में आरओ प्लांट स्थापित कर दिए गए हैं। शीघ्र ही डायलिसिस मशीनें स्थापित कर दी जाएंगी। किडनी रोग विशेषज्ञ की ओर से सप्ताह व महीने में गंभीर बीमार जिन्हें डायलिसिस की जरूरत है। उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर इस सुविधा को प्रदान किया जाएगा। साथ ही स्टाफ नर्स व चिकित्सक भी तैनात रहेंगे।