

नई दिल्ली. अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc.) के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर सुंदर पिचाई (CEO Sundar Pichai) को एक जज ने डाटा माइनिंग पर उपभोक्ताओं के गोपनीयता से जुड़े मुकदमे में पूछताछ से छूट दी है. पिचाई को दिसंबर में एक मामले में बयान देने के लिए दो घंटे तक इंतजार करने का आदेश दिया गया था. मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि टेक जाइंट अपने क्रोम वेब ब्राउजर के जरिये ‘इनकॉग्निटो यानी गुप्त’ प्राइवेट ब्राउजिंग मोड (Incognito Private Browsing Mode) में उपभोक्ताओं के डाटा पर नजर रखता है.
हालांकि, अमेरिकी जिला जज येवोन गोंजालेस रोजर्स ने एक मजिस्ट्रेज जज के पहले के आदेश को खारिज कते हुए पिचाई से पूछताछ से राहत दी है. ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के विश्लेषक मैथ्यू शेटेनहेल्म का कहना है कि प्रस्तावित क्लास एक्शन मामले में गूगल के 10 अरब डॉलर रकम दांव पर लगे हैं.
मजबूती से अपना बचाव करेगी गूगल
गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा का कहना है कि हम ताजा फैसले की सराहना करते हैं. इस उस मामले का जोरदार विरोध करते हैं और मजबूती पर अपना बचाव जारी रखेंगे. हालांकि, पिचाई के बयान से वादी (पिचाई के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाला) को यह दावा करने में मदद मिल सकती थी कि इनकॉग्निटो मोड में ब्राउज करने वाले उपयोगकर्ता समझते हैं कि उनका डाटा सुरक्षित था. वास्तव में ऐसा नहीं है और आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक गूगल को इस बात की जानकारी थी.

मार्केटिंग एक्जिक्यूटिव को राहत नहीं
रोजर्स ने अपने फैसले में लिखा, मजिस्ट्रेट जज ने इस बात पर विचार नहीं किया कि पिचाई के पास मुद्दों के बारे में अद्वितीय या बेहतर व्यक्तिगत ज्ञान है या नहीं. लेकिन रोजर्स ने मार्केटिंग एक्जिक्यूटिव लॉरेन टूहिल को पूछताछ से बचाने के लिए गूगल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. उसने पहले के एक फैसले को बरकरार रखा कि टूहिल को वादी के वकीलों के सामने चार घंटे तक की पूछताछ के लिए प्रस्तुत रहना होगा. वकील इन्कॉग्निटो मोड के ब्रांड मार्केटिंग के बारे में पूछना चाहते हैं.
गूगल का कानूनों के उल्लंघन से इनकार
गूगल इस दावे से इनकार करती है कि उसने कैलिफोर्निया गोपनीयता एवं संघीय वायरटैंपिग कानूनों का उल्लंघन किया है. पिचाई का कहना है कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय ब्राउजर क्रोम पर उपयोगकर्ताओं ने जासूसी करने का आरोप लगाया था. भले ही उन्होंने अपना डाटा साझा करने का विकल्प चुना हो.
इन शहरों में भी चल रहा मुकदमा
गूगल को एरिजोना, टेक्सास, वाशिंगटन, इंडियाना और वाशिंगटन डीसी में गोपनीयता के मुकदमे का सामना पड़ रहा है. इसमें उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी का आरोप है. मामला ब्राउन बनाम गूगल एलएलसी, 20-364 यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कैलिफोर्निया के उत्तरी जिसे (सैन जोस) का है.