
अल्मोड़ा: कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित अल्मोड़ा के एसएसजे कैंपस में पेट्रोल प्रकरण के चौथे दिन भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। निषेधाज्ञा तोड़ छात्र कैंपस की सीमा के भीतर धरने पर बैठ हैं।
कैंपस बंद होने के कारण शिक्षण कार्य ठप है। प्राध्यापक निदेशक प्रो. आरएस पथनी के साथ परिसर में ही मौजूद रहे। उधर धारा-144 का उल्लंघन रोकने को तैनात पुलिस कर्मी परिसर की जंजीर के बाहर तैनात है।
परिसर निदेशक ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर देखना पुलिस का काम है। उधर नैनीताल के डीएसबी कैम्पस और हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में भी छात्रनेताओं ने हंगामा करते हुए कैम्पस बंद करा दिया है।
डीएसबी परिसर बंद कराने के बाद छात्रनेता अल्मोड़ा परिसर निदेशक को हटाने की मांग को लेकर कुमाऊं विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति से मुलाकात करने पहुंच गए हैं।
बीती शुक्रवार को प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के सत्यापन, विषय परिवर्तन व कक्षों में पंखे लगवाने जाने आदि मुद्दों पर एसएसजे परिसर में बवंडर हो गया था।
मांगों को लेकर छात्र संघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती समर्थकों के साथ निदेशक प्रो. पथनी से मिलने गया था। परिसर निदेशक ने समझाया कि मांगें करीब करीब पूरी कर ली गई हैं।
जमीनी स्तर पर उतारने में समय लग सकता है लेकिन अमल कर लिया जाएगा। मगर छात्र नेता व साथी छात्र इस बात से संतुष्ट न हुए।
नारेबाजी के बीच परिसर बंद करा दिया गया था। मुख्य कार्यालय में तालाबंदी कर छात्र संघ अध्यक्ष समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गया।
सोमवार को कैंपस पूरी तरह बंद रहे। पेट्रोल डालने के आरोपित छात्र संघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती की गिरफ्तारी से नाराज समर्थक छात्रों ने एसएसजे कैम्पस में पुलिस घेरे को धता बता निषेधाज्ञा तोड़ कैंपस के भीतर धरना शुरू कर दिया।
निषेधाज्ञा का उल्लंघन व शांति व्यवस्था के मद्देनजर तैनात पुलिस कर्मी परिसर की मुख्य जंजीर के बाहर मुस्तैद रहे।
निदेशक प्रो. पथनी ने इस बाबत कहा कि निषेधाज्ञा के बावजूद छात्र परिसर के भीतर पढ़ाई के बजाय धरने पप कैसे बैठ गए यह देखना पुलिस कर्मियों का काम है।