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देहरादून के उद्योगपति सुधीर विंडलास के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ

case filed against Dehradun industrialist Sudhir Windlas

देहरादून: थाना राजपुर क्षेत्र के अंतर्गत उद्योगपति और रियल एस्टेट कारोबारी सुधीर विंडलास के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन कब्जाने के आरोप में धोखाधड़ी और जालसाजी का दर्ज किया गया है. बता दें कि एसआईटी की जांच में विंडलास दोषी पाए गए थे, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया था. एसएसपी के आदेश के बाद थाना राजपुर में सुधीर विंडलास पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

20 बीघा जमीन पर फर्जीवाड़े का आरोप: संजय सिंह निवासी वसंत विहार ने एसएसपी को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी माता ओमवती और उनके नाम पर जोहड़ी गांव में करीब 20 बीघा जमीन है. साल 2010 में सुधीर विंडलास ने संजय से कहा था कि वो जमीन उसे बेच दो नहीं तो वह कब्जा कर लेगा. लेकिन संजय ने मना कर दिया. इसके बाद संजय सिंह को पता चला कि इस जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेच दिया गया है.

फर्जी दस्तावेजों से धोखाधड़ी का आरोप: नई खतौनी में किसी रवि दयाल के नाम जमीन कर दी गई है. संजय सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत एसआईटी से की थी. एसआईटी जांच में पता चला कि रवि दयाल विंडलास कंपनी में परचेज मैनेजर है. जबकि दस्तावेजों में रवि दयाल को संजय सिंह दर्शाया गया है और वह सुधीर विडलांस के ड्राइवर का भाई है. फर्जी दस्तावेजों पर जिस अजय नाम के हस्ताक्षर थे, उसकी भी कुछ दिन पहले मौत हो चुकी है.

ऐसे की जालसाजी: इसी तरह दस्तावेजों में जिसे ओमवती दर्शाया गया है, वह सुधीर विंडलास के ड्राइवर की माता है. तत्कालीन एसआईटी प्रभारी डीआईजी गढ़वाल ने मुकदमे की संस्तुति भी कर दी थी. लेकिन सुधीर विंडलास के प्रभाव के चलते मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में संजय सिंह ने एसएसपी को शिकायत दर्ज कराई थी.

सुधीर विंडलास को ढूंढ रही पुलिस: थाना राजपुर प्रभारी मोहन सिंह ने बताया कि एसएसपी के आदेश के बाद सुधीर विंडलास और रवि दयाल के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जुट गई है. संजय सिंह को उम्मीद है कि अब उसे न्याय मिलेगा.

उत्तराखंड में पहले भी आए जमीन फर्जीवाड़े के मामले: उत्तराखंड में जमीन की धोखाधड़ी का ये कोई पहला मामला नहीं है. 6 जनवरी 2022 को भी एक सनसनीखेज मामला सामने आया था. इस मामले में 100 करोड़ की सरकारी, गैर सरकारी जमीन फर्जीवाड़ा करके बेच दी गई थी. एसटीएफ ने सुप्रीम कोर्ट और सेबी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी, गैर सरकारी भूमियों को ठिकाने लगाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि करीब 100 करोड़ से ज्यादा की भूमि की खरीद फरोख्त की गई है.

उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और उत्तराखंड के देहरादून का एक संगठित भू माफिया गिरोह है, जो कि अलग-अलग स्थानों से जमीनों की धोखाधड़ी में जेल जा चुका है. इसी गिरोह ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीज की गई जमीन सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर पहले फर्जी दस्तावेज तैयार किए, फिर इस जमीन को बेच दिया.

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