
जोशीमठ: सेब की क्षतिग्रस्त फसल के नुकसान की पूर्ति न होने से किसान परेशान हैं और इस वजह से अगली फसल का बीमा नहीं करा पा रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उन्हें जल्द बीमा राशि नहीं मिली तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे।
जोशीमठ विकासखंड में 750 हेक्टेयर भूमि में 4000 टन से अधिक सेब का उत्पादन होता है, लेकिन इस साल अप्रैल माह में हुई भारी ओलावृष्टि के चलते सेब की फसल बर्बाद हो गई थी। बाकी बची कसर जंगली जानवरों के झुंड ने कर दी है। इस बार सेब उत्पादन में 80 प्रतिशत तक गिरावट आई, जिसके चलते इस साल सेब काश्तकारों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। सेब काश्तकारों को सेब बीमा जल्द मिलने की उम्मीद थी, वह अभी तक नहीं मिला है, जिससे किसानों में रोष है। पिछले साल अक्टूबर माह में सेब की बीमा राशि मिल गई थी। पिछले साल 1180 सेब काश्तकारों ने सेब का बीमा किया था। इस साल अभी तक 88 सेब काश्तकारों ने ही बीमा कराया है, जबकि इस साल 2000 सेब काश्तकारों का फसल बीमा का लक्ष्य है।
एसबीआइ इंश्योरेंस के स्टेट कोआर्डिनेटर समीम अहमद का कहना है कि सेब के फसल बीमा में तीन शेयर होते हैं, जो फार्मर, स्टेट और सेंटर के होते हैं। स्टेट और सेंटर का शेयर आने में दिक्कत के चलते अभी तक बीमा राशि सेब काश्तकारों के खाते में नहीं आए। इस सप्ताह के अंत या अगले सप्ताह के शुरू में बीमा राशि आने की उम्मीद है। हमारा काम काश्तकारों को बीमा के प्रति जागरूक करना और बीमा करना है।
सेब काश्तकार रघुबीर भंडारी का कहना है कि अभी तक सेब की बीमा राशि काश्तकारों के खाते में नहीं आने से काश्तकार परेशान हैं। जल्दी ही बीमा राशि नहीं आई तो आंदोलन किया जाएगा।