
हल्द्वानी : सात दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद स्विट्जरलैंड से पहुंची चार सदस्यीय टीम जमरानी का सर्वे करेगी। साेमवार को टीम ने भैतिक निरीक्षण किया। सुरक्षा, संसाधनों की उपलब्धता, बांध निर्माण से होने वाले अलग-अलग फायदों के अलावा कई बिंदुओं पर यह एक्सपर्ट टीम चार दिन तक अध्ययन करेंगे। एडीबी के निर्देश पर पहुंचे विशेषज्ञों के हर सुझाव को परियोजना के प्रस्ताव में शामिल करना होगा।
जमरानी बांध निर्माण की कवायद 1975 में शुरू हुई थी। पुरानी दो डीपीआर बजट के चक्कर में अटक गई थी। उत्तराखंड बनने के बाद सर्वे और प्रस्ताव बनाने के काम फिर से शुरू हुए। पिछले दो साल में एडीबी और जमरानी परियोजना के अधिकारियों ने सामंजस्य बनाकर सर्वे से जुड़े अलग-अलग कामों को रफ्तार से किया। शासन के निर्देश पर प्रस्तावित बांध व आसपास के क्षेत्र की 400 हेक्टेयर जमीन पर धारा 11 लागू हो चुकी है। यानी यह एरिया फ्रीज हो चुका है। अब जमीन की खरीद और बिक्री नहीं हो सकती। इसके अलावा विस्थापन के लिए किच्छा के खुरपिया फार्म के आसपास जमीन तलाशी गई है। इन कवायदों के पूरा होने के बाद अब एडीबी ने विदेश से चार सदस्यीय टीम बुलाई है।
24 जनवरी को दल भारत पहुंच गया था। मगर कोविड नियमों की वजह से सात दिन तक क्वारंटाइन रहा। अब आज से जमरानी परियोजना के अधिकारी इनके संग जमरानी बांध क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचेंगे। बांध बनने से पर्यावरण पर क्या असर होगा। भूगर्भीय सर्वे होगा। यानी भूंकप की स्थिति को लेकर पुराने और नए आंकड़ों का अध्ययन होगा। निर्माण के दौरान जिन संसाधनों की जरूरत होगी। उनकी स्थानीय स्तर पर उपलब्धता भी देखी जाएगी। इसके अलावा जल निगम ने हल्द्वानी को बांध से पीने का पानी उपलब्ध कराने का जो प्रस्ताव तैयार किया है। उसका भी बारीकी से अध्ययन होगा।