
उत्तराखंड में आबकारी विभाग पिछले लंबे समय से अपने लक्ष्य से कम राजस्व प्राप्ति को लेकर चर्चाओं में रहा है. शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग से लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने से जुड़े कई मामले और शिकायतें सामने आती रही हैं. हालांकि, आबकारी नीति में संशोधन करते हुए आबकारी विभाग द्वारा शराब की दुकानों के आवंटन का समय 1 साल से बढ़ाकर 2 साल किया गया है लेकिन फिलहाल मामला बकाये अधिभार की वसूली का है.
बता दें, नियमानुसार शराब कारोबारियों को हर महीने शराब की दुकानों का एक निश्चित अधिभार देना होता है. अधिभार देने के बाद ही उन्हें निकासी की अनुमति दी जाती है लेकिन विभिन्न जिलों में अधिभार जमा नहीं होने के बावजूद निकासी किए जाने की भी खबर है. उधर, आबकारी सचिव हरीश चंद्र सेमवाल कहते हैं कि बकाए की वसूली को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. ओवर रेटिंग से लेकर दूसरी गड़बड़ियों को भी दूर करने के लिए अधिकारियों को कहा गया है.