
रुद्रप्रयाग. उत्तराखंड सरकार ने दुनिया के सबसे लंबे रोप वे के सपने को सच करने की कवायद शुरू कर दी है. अगर यह सपना सच हुआ तो समुद्र तल से 11,500 फीट की ऊंचाई पर 11.5 किलोमीटर लंबा रोप-वे उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ धाम में बनेगा. यह रोप-वे यकीनी तौर पर तीर्थ यात्रियों के लिए मददगार होगा और जिस तीर्थ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को करीब पूरा दिन लगाना पड़ता था, वह अब सिर्फ एक घंटे में संपन्न हो सकेगी. इस रोप-वे प्रोजेक्ट के बारे में तमाम खास बातें आपको बताते हैं.
अभी गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर का सफर करना होता है, जिसमें पूरा दिन लग जाता है, लेकिन सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोप-वे बनने से यह सफर सिर्फ एक घंंटे में तय हो जाएगा.
इस रोप-वे को लेकर 5 नवंबर के अपने केदारनाथ दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोप-वे काम जल्द शुरू होगा. अब इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
उत्तराखंड पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया कि केदारनाथ रोप-वे प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपेार्ट तैयार किए जाने के लिए कवायद शुरू हो गई है और जल्द ही टेंडर भी निकाले जाएंगे.
पहले इस रोप-वे को लेकर प्लान कुछ इस तरह था कि इसे गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक बनाया जाए लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक बाद में इस प्रोजेक्ट को गौरीकुंड की जगह सोनप्रयाग से शुरू करने का फैसला किया गया ताकि ज़्यादा से ज़्यादा श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल सके.
धाम के लिए 16 किलोमीटर का ट्रेकिंग रूट गौरीकुंड से शुरू होता है जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी वाहन से 8 किलोमीटर की है. कुल मिलाकर सोनप्रयाग से धाम तक करीब 25 किलोमीटर पैदल या वाहन से जाना होता है.
आपको बता दें कि दुनिया का सबसे लंबा रोप-वे मेक्सिको शहर में स्थित है, जिसे केबलबस 2 के नाम से जाना जाता है और इसकी लंबाई 10.55 किलोमीटर है. केदारनाथ रोप-वे जब प्रोजेक्ट के अनुसार तैयार होगा, तो इससे करीब 1 किमी लंबा होगा.