
देहरादून: दून विश्वविद्यालय देहरादून में करीब 22 करोड़ रुपये की लागत से डा. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केंद्र बनाकर तैयार हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संस्थान भवन का दो जून को उद्घाटन करेंगे।
बता दें कि करीब 0.39 हैक्टेयर भूमि पर निर्मित हुए इस शोध एवं अध्ययन केन्द्र का निर्माण ब्रिडकुल की ओर से किया गया। विदित रहे कि डा. नित्यानंद ने एक साधक की तरह मन, वचन एवं कर्म से समाज सेवा की। उनका हिमालय से बेहद अनुराग था। हिमालय सबके लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमालय को वैज्ञानिकों और साधकों ने अनेक रूपों में देखा है। भूगर्भ शास्त्रियों, वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों एवं भूगोलविदों ने हिमालय एवं उससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में शोध कार्य किया। हिमालय पर बहुत कुछ अध्ययन किया जा चुका है और अभी भी बहुत अध्ययन करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ परिस्थितियों एवं परिवेश में परिवर्तन हो रहा है। हिमालय पर सतत अध्ययन हो इसलिए डा. नित्यानन्द के नाम पर इस शोध अध्ययन केंद्र का शिलान्यास 9 फरवरी, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था।
उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में जो यहां शोध होंगे वे हिमालय के सतत विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। कहा कि पलायन को रोकने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सबसे महत्वपूर्ण है।
शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि हिमालयी शोध संस्थान दून विश्वविद्यालय परिसर में बनकर तैयार हो चुका है। इस संस्थान में भूगोल और भू-गर्भ के एमएससी कक्षाओं की पढ़ाई होगी साथ ही शोध कार्य भी होंगे।
विशेषकर हिमालय के बदलते पर्यावरण का अध्ययन और संरक्षण के क्या उपाय हो सकते हैं उनके बारे में संपूर्ण अध्ययन किया जा सकेगा। शोध संस्थान न केवल उत्तराखंड के हिमालयी रीजन का अध्ययन करेगा, बल्कि नेपाल से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यावरण अध्ययन पर शोध कार्य होंगे।