
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर भड़की हिंसा के बाद मुख्य आरोपी बनाया गया मोहम्मद अंसार पुलिस के शिकंजे में है. राजनीतिक दलों के बीच भी अंसार को लेकर घमासान जारी है. अंसार की गिरफ्तारी के बाद उसका आम आदमी पार्टी की टोपी पहने हुए तस्वीर वायरल हुई थी. जिसके बाद सियासी दलों के बीच तकरार और बढ़ गई थी. अंसार का चाकू के साथ भी एक वीडियो सामने आया था. कुछ तस्वीरों में वो नोटों की गड्डी के साथ दिखा तो वही कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई थी जिसमें वो सोने की अंगूठी और गले में सोने की मोटी चेन पहने नजर आया था. इस बात की चर्चा तेज है कि क्या अंसार के कहने पर ही जहांगीरपुरी में हिंसा भड़की थी?
खुफिया कैमरे में जहांगीरपुरी हिंसा का सच
TV चैनल एबीपी न्यूज ने खुफिया कैमरे के जरिए जहांगीरपुरी हिंसा का सच जानने की कोशिश की. टीम ने चश्मदीदों से जहांगीरपुरी हिंसा की कहानी जानने की कोशिश की, खुफिया कैमरे में दोनों पक्ष का दावा रिकॉर्ड किया गया. चाकू के साथ सोशल मीडिया पर वायरल अंसार के वीडियो को लेकर जब एबीपी न्यूज ने मुस्लिम पक्ष से सवाल किया तो कुछ लोगों का कहना था कि ये हिंसा के पहले का वीडियो है. उसी दिन सुबह का वीडियो है जिस दिन हिंसा हुई थी. 11 बजे रैली निकला था उसी समय का है. रिपोर्टर के सवाल पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है. जो फंसा रहा है वो अंसार तो अच्छी तरह से जानता है अंसार तो मोहल्ले में फेमस है.
अंसार मनमौजी टाइप बंदा है- मुस्लिम पक्ष
हिंसा की शुरुआत अंसार ने ही की थी- हिंदू पक्ष
रिपोर्टर ने जब हिंदू पक्ष से हिंसा को लेकर सवाल किया तो कुछ लोगों ने हिंसा के लिए सीधे तौर से अंसार को ही जिम्मेदार ठहराया. एबीपी न्यूज स्टिंग ऑपरेशन में हिंदू पक्ष के कुछ लोगों ने कहा कि मोहम्मद अंसार ने ही हिंसा की शुरुआत की थी. उसी ने कहा था कि यहां से रैली मत ले जाओ. यहां लोगों ने बोला अंसार भाई रैली को निकलने दो. कोई दिक्कत नहीं है सारे भाई-भाई हैं. तो उसने उल्टा ही धमकी दे दिया कि यहां से रैली निकलेगी तो आगे देखना क्या होगा.
अंसार राजनीति में उतरना चाहता था- हिंदू पक्ष
हिंदू पक्ष के लोगों का मानना है कि अंसार सट्टा और वसूली का काम करता था. रिपोर्टर ने जब सवाल किया कि लोगों का कहना है कि अंसार हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों की मदद करता था. इस पर हिंदू पक्ष के कुछ लोगों ने कहा कि वो राजनीति में उतरना चाहता था. उसकी महात्वाकांक्षा राजनीति में आने की थी. इसलिए थोड़ा बहुत तो पब्लिक को दिखाना पड़ेगा कि माफिया है. हिंदू पक्ष का कहना है कि अंसार न होता तो शायद हिंसा न होती. बहरहाल एबीपी की पड़ताल में ये भी साफ हुआ कि जहांगीरपुरी हिंसा में कथित मास्टरमाइंड का उसका इलाके में कितना दबदबा है.