
देहरादून: क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट के प्रविधान के तहत जिला प्रशासन की टीम ने पैथोलाजी व रेडियोलाजी लैबों में छापेमारी कर व्यवस्था की जांच की। इस दौरान बायोमेडिकल वेस्ट, कार्मिकों की संख्या, उनकी योग्यता, पीएफ कटौती, अग्निशमन उपाय, सफाई व्यवस्था आदि का परीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार के निर्देश पर उपजिलाधिकारी सदर मनीष कुमार के नेतृत्व में सोमवार को सिकंद रेडियोलाजी/पैथोलाजी लैब समेत आहूजा पैथोलाजी लैब की जांच की गई। इस दौरान उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने सैंपल देने आए व्यक्तियों से पूछा कि उनसे अधिक चार्ज तो वसूल नहीं किया जा रहा।
हालांकि, ऐसा कुछ नहीं पाया गया। सिकंद लैब में जरूर एक व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने बेटी की सुगर की जांच कराई थी। जांच फाङ्क्षस्टग में होनी थी, जबकि ऐसा नहीं किया गया। उपजिलाधिकारी ने जवाब-तलब किया तो लैब संचालकों ने कहा कि कार्मिकों के पढऩे में त्रुटि के चलते जांच गलत कर दी गई। अब सही जांच निश्शुल्क की जाएगी।
इसके साथ ही सिकंद लैब में अग्निशमन उपकरण न पाए जाने पर उपजिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त कर कारण पूछा। संचालकों ने बताया कि इस संबंध में पत्रावली गतिमान है। यहां एक्सरे मशीन पर नवीनीकरण प्रमाणपत्र भी चस्पा नहीं पाया गया। हालांकि, लैब के पास प्रमाणपत्र उपलब्ध था, जिसे मशीन पर चस्पा करने के निर्देश दिए गए।
उपजिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जांच कराने वाले व्यक्तियों से अतिरिक्त वसूली न की जाए। साथ ही सभी व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए। इस अवसर पर डा. राजीव दीक्षित, डा. यूएस चौहान आदि उपस्थित रहे।