
साहिया: हईया-अलसी मोटर मार्ग के सुधारीकरण व चौड़ीकरण के दौरान कटिग का मलबा अमलावा नदी में डंप किया जा रहा है, जिससे नदी का बहाव बदलने का खतरा बढ़ गया है। जिस जगह पर मलबा डाला जा रहा है, नदी के उस स्थान से 200 मीटर आगे छानियों में लोग निवास करते हैं। यदि नदी का प्रवाह बदलता है तो छानियों में रहने वाले व्यक्तियों की क्यारियां नष्ट हो सकती हैं।
वर्तमान में हईया-अलसी मोटर मार्ग में सड़क सुधारीकरण व सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। मलबा एक जगह हईया के पास अमलावा नदी में फेंका जा रहा है। जिससे अमलावा नदी भर गई है। जिस जगह पर मलबा डाला जा रहा है। 200 मीटर आगे सेवना छानी, झड़वाला छानी के लोग रहते हैं। अमलावा नदी किनारे ग्रामीणों की क्यारियां हैं, जिसमें टमाटर, मटर, गेहूं, मिर्च, जई आदि की फसलें खड़ी हैं। अमलावा नदी में मलबे से प्रवाह बदलने का खतरा बढ़ गया है, जिससे बरसात होने पर मलबे से पूरी क्यारियां नष्ट हो जाएगी।
किसान गोपाल राठौर, संतराम राठौर, देवेन्द्र राठौर, अंकेश राठौर, सुरेंद्र राठौर, बर्फिया सिंह, प्रेम सिंह, माया सिंह, कपिल आदि का कहना है कि बार बार विरोध करने के बाद भी हईया के पास मलबा नदी में फेंक जा रहा है, जिससे हमारी पूरी जमीन नष्ट होने का खतरा है। बरसात में मलबे की वजह से प्रवाह बदलने पर जमीन का कटाव बढ़ेगा। आवासीय छानियों को भी बरसाती मौसम में नुकसान हो सकता है। ग्रामीणों ने एसडीएम से मलबे को डंपिग जोन में डलवाने की मांग की है।
उधर, उप जिलाधिकारी कालसी सौरभ असवाल का कहना है कि बिना अनुमति से नदी में मलबा डाला जा रहा है, इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
लोनिवि साहिया खंड के अधिशासी अभियंता प्रत्युष कुमार का कहना है कि सहायक अभियंता से इस बारे में जानकारी ली जाएगी। नदी की बजाय मलबे को कहीं डंपिग प्वाइंट बनाकर डलवाया जाएगा।