
उत्तराखंड के रानीखेत के सौनी में नवनिर्मित देश का पहला हिमालयन स्पाइस गार्डन अस्तित्व में आ गया है. पूरे भारतीय हिमालयी क्षेत्र और देश में अपनी तरह का पहला हिमालयी मसाला उद्यान का उद्घाटन प्रसिद्ध इतिहासकार और पद्मश्री पुरस्कार विजेता शेखर पाठक ने किया.
यह कश्मीर के केसर से लेकर प्रसिद्ध तेजपात (Bay leaf जो भौगोलिक संकेतक टैग देने के लिए उत्तराखंड की पहली प्रजाति थी), तैमूर, जंगली हींग और उत्तरकाशी जिले के भैरोघाटी क्षेत्र में पाए जाने वाले प्रमुख हिमालयी मसालों को प्रदर्शित करता है.
ऐसा है हिमालयन मसाला गार्डन: यह स्पाइस गार्डन दो साल की अवधि में जापानी अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) से वित्त पोषण के साथ, रानीखेत में लगभग 4 एकड़ के क्षेत्र में स्थापित किया गया है. इसे उत्तराखंड वन विभाग की रिसर्च विंग द्वारा विकसित किया गया है. वर्तमान में इसमें 30 से अधिक विभिन्न मसाले हैं. इनमें से हिमालय क्षेत्र के एलियम परिवार (प्याज) के 8 मसाले हैं.
विकसित मसाला प्रजातियों में जंबू, काला जीरा, वन अजवाइन, दालचीनी, करी पत्ता, तिमूर, बद्री तुलसी, चक्री फूल, केसर, इलायची, अल्मोड़ापत्ती, लखोरी मिर्च, जंगली हींग, हिमालयन हींग, एलूम, वन हल्दी, तेजपात और डोलू आदि शामिल हैं.