

पिथौरागढ़. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की साढ़े पांच लाख की आबादी बरसों से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की राह देख रही है. इस आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा जिले के एकमात्र सरकारी जिला अस्पताल पर टिका है. बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरी मिलने की उम्मीद सीमांत की जनता को बेस अस्पताल (Base Hospital Pithoragarh) के निर्माण से हुई थी, जिसका इंतजार यहां के लोग पिछले 17 वर्षों से करते आए हैं. अब जब 17 साल बाद बेस अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, फिर भी इसके संचालन पर असमंजस बनी हुई है. किसी को नहीं पता, कब यह बेस अस्पताल शुरू होगा और कब जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.
2005 में स्वीकृति मिलने के बाद से ही बेस अस्पताल महज राजनीति का एक खिलौना बन पाया है. 90 प्रतिशत कार्य पूरा होने के बाद 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इसका लाभ जनता को देने के लिए यहां एक्सटेंशन यूनिट का उद्घाटन भी किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही यह यूनिट बंद हो गई. बेस अस्पताल को चलाने के लिए डॉक्टर और स्टाफ की जरूरत है, लेकिन अभी तक इसके लिए पद ही स्वीकृत नहीं हुए हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी 100 दिन में बेस अस्पताल के शुरू होने की बात कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा हालात देखकर इस साल भी इसके संचालन पर असमंजस बरकरार है. इस वजह से बेस अस्पताल महज एक शोपीस बनकर रह गया है.

जिलाधिकारी आशीष चौहान ने दिए आदेश
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने संबंधित विभागों को कार्रवाई तेज करने के आदेश दिए जाने के साथ ही शासन स्तर से फैसला लिए जाने के बाद बेस अस्पताल का संचालन होने की बात कही है.
पिथौरागढ़ जिले में सीमित स्वास्थ्य संसाधन
गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग सीमित संसाधनों से ही स्वास्थ्य सुविधाओं को धक्का देकर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. बेस अस्पताल के शुरू होने से सीमांत जिले की स्वास्थ्य सेवाएं कुछ हद तक ठीक होने की उम्मीद है. अब देखना यह है कि तमाम दावों और वादों के बीच आखिर कब यह बेस अस्पताल शुरू हो पाता है.