
हल्द्वानी: देशभर में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है. उत्तराखंड भी अग्निपथ योजना की आग में झुलस रहा है. उत्तराखंड में भी शनिवार कई जगह विरोध प्रदर्शन हुआ. वहीं, देशभर के युवाओं के विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का भी बयान आया है. उन्होंने देशभर में अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर दु:ख व्यक्त किया है. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वो विपक्ष के बहकावे में न आए.
वहीं, इस बारे में जब केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वो इस तरह का हिंसक प्रदर्शन न करें, जिससे राष्ट्र संपत्ति को नुकसान हो. जिस तरह के ट्रेनों और बसों को जलाया जा रहा है, वो बहुत ही दु:खद है. हालांकि केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इस हिंसक प्रदर्शन के लिए भी विपक्ष को ही जिम्मेदार बताया है. उन्होंने विपक्ष पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि किसी तरह की अफवाह पर ध्यान देने से पहले युवा जांच और परख लें. कुछ नहीं तो युवा यह समझे कि यह एक प्रकार की ट्रेनिंग है. जिसमें 4 साल में 12 लाख रुपए युवाओं को मिलेगा. यहां तक की 4 साल बाद युवाओं को नौकरी के लिए कई जगह पर रियायत मिलेगी. इस तरह से ट्रेनें जलाना सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना यह गलत है. क्योंकि यह संपत्ति देश की ही है, लिहाजा विपक्ष के बहकावे में ना आए.
कांग्रेस ने की जांच की मांग: अग्निपथ योजना के खिलाफ शुक्रवार को हल्द्वानी में युवाओं ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के घर का घेराव करने की कोशिश की थी. हालांकि पुलिस ने पहले ही उन पर लाठीचार्ज कर दिया था. पुलिस की इस कार्रवाई की कांग्रेस ने विरोध किया. शनिवार को हल्द्वानी में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर हल्द्वानी में पुलिस-प्रशासन ने युवाओं के ऊपर लाठीचार्ज किया.
काशीपुर में युवाओं ने किया हवन: काशीपुर में अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने उपजिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. वहीं हवन कर भी अपना विरोध प्रकट किया. युवाओं का कहना है कि उन्होंने शारीरिक और मेडिकल परीक्षा उत्तीर्ण की है, लेकिन लिखित परीक्षा पर रोक लगा दी गई है. इससे उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है. साथ ही उनकी उम्र भी अधिक हो रही है. उन्होंने शीघ्र ही रुकी हुई लिखित परीक्षा कराने और अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की.
क्या हैं अग्निपथ योजना: सरकार ने इसे दशकों पुरानी सेना भर्ती प्रणाली में बड़ा बदलाव मान रही है. इसके तहत साढ़े 17 से 23 साल के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा. चार साल की सेवा पूरी होने पर 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में रखा जाएगा, वहीं 4 में से 3 अग्निवीर आगे सेवा जारी नहीं रख पाएंगे. उनके लिए सरकार शिक्षा, नौकरी व कारोबार के लिए कई अन्य विकल्प पेश कर रही है.