
ऋषिकेश: न्यायालय की ओर से प्रतिबंधित खसरा 279/1 में तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पुत्र पीयूष अग्रवाल को कथित रूप से जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र मामले में सिस्टम में बैठे लोग बैकफुट पर आ गए हैं।
यह अनापत्ति प्रमाण पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। संबंधित एनओसी के आधार पर नगर निगम की ओर से किए गए संपत्ति नामांतरण पर सवाल खड़े हो रहे हैं। तहसील प्रशासन ने संबंधित मामले में गेंद नगर निगम प्रशासन की ओर सरका दी गई है।
संपत्ति नामांतरण का मामला इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा
नगर आयुक्त ने संबंधित मामले में अध्ययन करने की बात कही है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पुत्र पीयूष अग्रवाल के नाम से 28 फरवरी 2019 को तत्कालीन उपजिलाधिकारी की ओर से प्रतिबंधित खसरा नंबर पर स्थित भूमि पर संपत्ति को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने और इस अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर तत्कालीन नगर निगम अधिकारियों की ओर से संपत्ति नामांतरण का मामला तेजी से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
लोक सूचना अधिकारी नगर निगम ऋषिकेश की ओर से प्रमाणित कार्यालय उप जिलाधिकारी की ओर से जारी इस अनापत्ति प्रमाण पत्र में खसरा नंबर 279/1 रकबा 184 वर्ग मीटर भूमि पर मानचित्र, व भवन निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र विषय की बात लिखी गई है।
आवेदनकर्ता के 28 नवंबर 2018 के इस संबंधित प्रार्थना पत्र पर तत्कालीन उप जिलाधिकारी की ओर से लिखा गया है कि संबंधित खसरा नंबर और रकबा की भूमि के संबंध में तहसीलदार ऋषिकेश के माध्यम से जांच कराई गई और उनकी आख्या और संस्तुति के आधार पर उपरोक्त संपत्ति निर्विवाद एवं वाद रहित भूमि है।
इस प्रकरण में नामांतरण अथवा उसके बाद किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होता है तो ऐसी दशा में यह अनापत्ति प्रमाण पत्र स्वत: ही निरस्त समझा जाएगा। लोक सूचना अधिकारी नगर निगम की ओर से जारी नगर निगम की रिपोर्ट में सहायक नगर आयुक्त को प्रेषित जांच आख्या में तत्कालीन कर अधीक्षक और सहायक नगर आयुक्त की ओर से यह आख्या दी गई है कि स्वामित्व परिवर्तन के लिए इस आवेदन में पालिका अभिलेखों में संपत्ति रमेश चंद्र घिल्डियाल के नाम दर्ज है।