
दिवाली (Diwali) का त्योहार आने वाला है ऐसे में दिल्ली (Delhi) में पर्यावरण की चिंता सताने लगी है. इसी को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है और दिये जलाओ पटाखे नहीं अभियान की शुरूआत की है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध (Ban On Crackers) को लागू करवाने के लिए 408 टीमों का गठन किया गया है.
इस दौरान जो लोग पटाखों के पूर्ण प्रतिबंद्ध (उत्पादन/भंडारण/बिक्री) का उल्लंघन करते पाए जाएंगे उनके खिलाफ एक्प्लोसिव एक्ट के सेक्शन 9 B के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी जिसमें 5 हजार रूपए का जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रावधान है साथ ही जो व्यक्ति पटाखे जलाते हुए पाए जाएंगे उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 268 के तहत कार्रवाई की जाएगी जिसमें 200 रूपए का जुर्माना और 6 महीने की सजा का प्रावधान है.
पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध, निगरानी के लिए 408 टीमों का गठन
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिवाली के अवसर पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण से दिल्ली की हवा काफी प्रदूषित हो जाती है और यह प्रदूषण बच्चों एवं बुजुर्ग के लिए बहुत ही घातक होता है और इसीलिए पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलीवरी सहित) और पटाखों को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. प्रतिबंध को लागू करवाने के लिए 408 टीमों का गठन किया गया है. जिसमें दिल्ली पुलिस के एसीपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में 210 टीम, रेवन्यु विभाग की 165 तथा डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं. ये टीमें पूरी दिल्ली में लगातार निगरानी कर रही हैं.
एनसीआर में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
गोपाल राय ने कहा कि ठंड के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 प्वाइंट विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है जिसपर सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ हुई मीटिंग में पटाखों पर प्रतिबद्ध से संबंधित मुद्दा उठाया था. आज भी मैं केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन कर रहा हूं कि जिस प्रकार दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंद्ध लगाया गया है उसी प्रकार एनसीआर के राज्यों में प्रतिबंद्ध लगाना चाहिए. एनसीआर में छोड़े गए पटाखों का दुष्प्रभाव दिल्ली की हवा पर पड़ता है और दिवाली के अगले दिन दिल्लीवासियों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.